ठगी के आरोपी को पकड़ने गए पुलिसफ़ोर्स पर जानलेवा हमला, दो पुलिसकर्मी घायल 

Atul Saxena
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सिंगरौली, राघवेंद्र सिंह गहरवार । नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी (Fraud) के आरोपी को गिरफ्तार करने बनारस गई सिंगरौली जिले(Singrauli district) की मोरवा पुलिस (Morwa Police) पर आरोपी के परिजनों ने हथियारों से लैस होकर हमला कर दिया।  अचानक हुए हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। लेकिन खास बात  ये रही कि  सिंगरौली पुलिस के जांबाज पुलिसकर्मियों ने घायल होने के बावजूद आरोपी को कब्जे में लिए रखा। मामला बुधवार दोपहर बनारस के शिवपुर थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है।

पुलिस से मिली  जानकारी के अनुसार प्राइवेट कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर पैसा वसूली के मामले में महेशनगर कॉलोनी शिवपुर वाराणसी निवासी रमेश सिंह पर मोरवा थाने में  3 माह पूर्व बैढन के 8 लोगों की शिकायतों पर ठगी का मुकदमा दर्ज किया गया था। बताया जाता है कि एनसीएल की खड़िया परियोजना में कथित नेता रमेश सिंह के अपने वाराणसी स्थित आवास पर होने की सूचना पुलिस को मिली थी, जिसके बाद सिंगरौली पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र सिंह के निर्देशन एवं मोरवा निरीक्षक मनीष त्रिपाठी के मार्गदर्शन में आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए वाराणसी पहुंची मोरवा पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक साहबलाल सिंह, प्रधान आरक्षक दयानंद सिंह, आरक्षक राहुल सिंह व संजय सिंह परिहार ने शिवपुर पुलिस के साथ आरोपी के घर पर दबिश देते हुए आरोपी रमेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन  ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में पेशी के लिए लेकर जाती पुलिस टीम पर आरोपी के परिवार जनों के आधा दर्जन लोगों ने धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले में प्रधान आरक्षक दयानंद सिंह के सर पर गंभीर चोटें आई, वहीं सहायक उपनिरीक्षक साहब लाल सिंह भी घायल हुए। परंतु सिंघम टीम के जांबाज पुलिसकर्मियों ने घायल होने के बावजूद भी साहस और जांबाजी दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्त में लिए रखा । इधर शोर  मचाने पर आगे आए लोगों की वजह से आरोपी वहां से भाग निकले। जिन्हें बाद में शिवपुरी पुलिस व मोरवा पुलिस की संयुक्त टीमों के प्रयास से हमले में शामिल 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....