दरअसल, आज मंगलवार को हाईकोर्ट ने भोपाल में बिना अनुमति प्रदर्शन और भड़काऊ भाषण देने के मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की याचिका पर मध्यप्रदेश सरकार सहित शिकायतकर्ता को नोटिस दिया है। कोर्ट ने सरकार समेत शिकायतकर्ता से दोनों से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है।
वही इस पूरे मामले में अग्रिम जमानत पर चल रहे विधायक मसूद ने 4 नवम्बर को खुद पर दर्ज हुई FIR रद्द करने की माँग है। याचिका में विधायक मसूद की दलील दी है कि उन्होंने सभा में कोई भड़काऊ और धार्मिक भावनाओं को भड़काने जैसा भाषण नहीं दिया था।एक ही वक्त में एक ही स्थल पर दो अलग अलग FIR न्याय संगत नहीं है। शिकायतकर्ता डॉक्टर दीपक रघुवंशी आख़िर है कौन ? वो प्रदर्शन स्थल पर भी नहीं थे।
बता दे कि राजधानी भोपाल (Bhopal) के मध्य विधायक आरिफ मसूद (Arif Masood ) को बीते दिनों हाईकोर्ट (Highcourt) ने अग्रिम जमानत दे दी थी। विधायक को इस शर्त पर राहत मिली थी कि उन्हें 50000 रुपए का मुचलका भरना होगा। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था-निर्वाचित जनप्रतिनिधि के फरार होने की आशंका नहीं है। आरिफ मसूद पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दर्ज है।
यह था मामला
आरिफ मसूद ने 29 अक्टूबर 2020 को भोपाल में फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मैन्युअल मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन किया था जिसमें हजारों लोगों की भीड़ एकत्रित हुई थी। प्रदर्शन के दौरान आरिफ ने फ्रांस का झंडा और वहां के राष्ट्रपति का पुतला जलाया था। इस दौरान दिए भाषण में मसूद ने कहा था कि केंद्र और राज्य की हिंदूवादी सरकार के मंत्री भी फ्रांस के कृत्य का समर्थन कर रहे हैं। वहीं उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की थी कि भारत सरकार फ्रांस दूतावास को कहे कि वो मुस्लिम विरोधी रुख को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराएं।इस पूरे घटनाक्रम पर मामला दर्ज होने के बाद कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद फरार हो गए थे, जिसके बाद भोपाल जिला अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, इस दौरान उन्होंने जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन खारिज हो गई थी, जिसके बाद मसूद ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और वहां से सशर्त अग्रिम जमानत मिल गई।
प्रदर्शन के बाद क्या-क्या हुआ
मसूद के इस प्रदर्शन के बाद सरकार ने उनके खिलाफ सोशल डिस्टेसिंग के उल्लंघन में धारा-188 के तहत मामला दर्ज किया था। दो दिन बाद केस में धारा-269, 270 और आपदा अधिनियम-51बी का इजाफा किया गया। लेकिन 4 नवम्बर को धर्म संस्कृति समिति के महामंत्री दीपक रघुवंशी की शिकायत पर तलैया पुलिस ने मसूद के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने की धार 153-ए के तहत मसूद समेत 7 लोगों पर एफआईआर की गई। बिहार चुनाव के प्रचार में जाने के बाद से मसूद का कोई पता नहीं चल पाया है। वहीं 17 नवंबर मंगलवार को भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने मसूद के खिलाफ गिरफ्तारी वारेंट जारी कर दिया है। इससे पूर्व 7 नवम्बर को कोर्ट ने मसूद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। अभी तक जिन 7 लोगों पर एफआईआर की गई है उसमें से 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और मसूद को हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है।