करीब 11 महीने पहली हटाई गई दुकानों के बिजली के बिल अभी उन दुकानों के मालिकों को भेजे जा रहे है। तकरीबन 36 साल पहले 100 से अधिक दुकानों को नगर निगम द्वारा लोगों को आवंटित की गई थी। जिसके बाद यहां स्मार्ट रोड प्रस्तावित होने के चलते जनवरी के महीने में इन दुकानों को यहां से हटा दिया गया था। बावजूद इसके कंपनी द्वारा दुकानदारों को बिजली कंपनियों द्वारा इसके बिजली बिल भेजे जा रहे है।
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बिल में तारीख अलग, रीडिंग में अंतर नहीं
चौकाने वाली बात तो यह है कि कंपनियों द्वारा जो दुकानदारों को बिल भेजे जा रहे है उसमें तारीख को अलग-अलग दिख रही है लेकिन रीडिंग में कोई भी अंतर नही दिख रहा है, लेकिन खपत शून्य बताई जा रही है। पिछला बकाया भी बिलों में बताया जा रहा है।
अधिकारियों का यह है कहना
जिस समय दुकानों को यहां से हटाया गया था। उस समय बिजली के मीटरों को भी यहां से हटा दिया गया था। बावजूद इसके दुकानदारों को बिजली के बिल थामे जा रहे है। इस मामले पर बिजली कंपनी के साउथ डिवीजन के डीजीएम पंकज यादव का कहना है कि दुकानदारों का उस दौरान कहना था कि उन्हें फिर से दुकानों का आवंटन होगा। इस कारण इन सभी का कनेक्शन नहीं काटा गया। जिसके बाद अब स्थायी रूप से बिजली कनेक्शन काटने के नाेटिस दे दिए गए हैं।