भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 15 साल बाद जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई थी तो एक के बाद एक शिवराज सरकार के फैसलों को बदलना शुरु कर दिया था, लेकिन अब सत्ता में दोबारा आने के बाद से ही प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Government) एक के बाद पिछली कमलनाथ सरकार के फैसलों को पलट रही है। अबतक एक दर्जन फैसलों में फेरबदल किया जा चुका है और अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में रेत खनन नीति में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
दरअसल, पिछली कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) ने विभाग-ठेकेदार के बीच होने वाले एग्रीमेंट की तारीख से खदानों से रेत निकालने की अनुमति दी थी, जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में बदल दिया गया है, जिसके तहत अब ठेकेदार ने अनुमतियां जारी होने के बाद काम शुरू नहीं किया तो सुरक्षा राशि सरकार राजसात कर लेगी। नए नियम के तहत खदानों से रेत निकालने की अवधि की गणना ठेका आदेश जारी होने की तारीख से की जाएगी।
मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम 2019 (Madhya Pradesh Sand (Mining, Transport, Storage and Trade) Rules 2019) में संशोधन से प्रदेश में रेत खनिज (Sand Mineral) की आपूर्ति आबाधित रूप से संभव हो सकेगी। इससे निर्माण कार्यो को गति मिलेगी तथा श्रमिकों को रोजगार (Employment) के अवसर सृजित होंगे। राज्य शासन के राजस्व आय प्राप्ति पर भी इसका प्रभाव अपरोक्ष रूप से पड़ेगा।
संशोधन अनुसार प्रदेश में स्वीकृत की जाने वाली रेत खदानों में रेत खदान की अवधि की गणना अनुबंध दिनांक के स्थान पर आशय पत्र जारी होने की दिनांक से की जायेगी। यदि रेत समूह के किसी निविदाकार द्वारा सभी वैधानिक अनुमतियां प्राप्त होने के बाद भी यदि अनुबंध का निष्पादन नहीं किया जाता़, तब दंण्ड स्वरूप उसके द्वारा जमा सुरक्षा राशि को राजसात किया जा सकेगा।
इसके अलावा खनिज भंण्डारण अनुज्ञप्ति स्वीकृति के लिये खदान से 5 किलोमीटर की परिधि प्रतिबंधित की गई हैं। इसके बाद रेत खनिज के समूह के ठेकेदार तथा शासन द्वारा अधिकृत रेत खनिज के ठेकेदार को इनके पक्ष में स्वीकृत खदान से 5 किलोमीटर की सीमा के बाहर और 8 किलोमीटर की परिधि में खनिज भंण्डारण अनुज्ञप्ति स्वीकृत की जा सकेगी। शासकीय कार्यो में रेत खनिज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ऐसे जिलें जहां पर रेत खनिज के समूह की खदानें रिक्त है, वहां पर शासकीय विभागों को रेत खनिज की उत्खन्न अनुज्ञा स्वीकृति की जा सकेगी।