इसी कड़ी में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में भी कृषि कानून के खिलाफ और किसानों का समर्थन करने के लिए कांग्रेस (Congress) ने 19 दिसंबर को धरना प्रदर्शन (Protest) करने का एलान किया है। कांग्रेस द्वारा बताया गया कि महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने उपवास (Fast) भी किया जाएगा। कांग्रेस द्वारा कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन 19 दिसंबर को समूचे प्रदेश में जिला और ब्लॉक स्तर पर होगा। वहीं बढ़ती महंगाई को देखते हुए पूर्व प्रदेश सीएम कमलनाथ (Former CM Kamal Nath) ने ट्विटर के जरिए प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है।
कमलनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि आज प्रदेश का किसान क़र्ज़ के दलदल में फँसा होकर सबसे ज़्यादा आत्महत्या करता है , प्रदेश में खेती घाटे का धंधा बन चुकी है। इसी से शिवराज जी की किसानों को लेकर की जाने वाली हवा-हवाई घोषणाओं की हक़ीक़त व सच्चाई समझी जा सकती है ?
वे आगे लिखते है कि शिवराज जी की किसानो के लिये पिछले 17 वर्षों से की गयी घोषणाओं का हिसाब लगाया जाये तो उस हिसाब से हमारे प्रदेश का किसान आज देश में सबसे समृद्ध किसान होना चाहिये लेकिन मध्यप्रदेश की स्थिति तो उसके विपरीत है।
पेट्रोल- डीज़ल की आसमान छूती क़ीमतों के बाद अब रसोई गैस सिलेंडर के दामो में 100 रुपये की वृद्धि , सब्सिडी का भी पता नहीं ? महंगाई डायन खाय जात है… अबकि बार – महंगाई बढ़ाने वाली भाजपा सरकार…
वहीं कांग्रेस (Congress) द्वारा किए जाने वाले प्रदर्शन पर पलटवार करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि कमलनाथ (Kamalnath) और दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को पहले, सालों से सूखे (Drought) की मार झेल रहे बुंदेलखंड (Bundelkhand) अथवा विंध्य (Vindhya) के किसानों के लिए उपवास (Fast) पर बैठना चाहिए।
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 19 दिसंबर को विरोध दिवस के रुप में मनाने का फैसला किया है, जिसको लेकर प्रदेश संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने सभी कांग्रेस जिला अध्यक्षों को निर्देश जारी कर दिए हैं। जारी किए गए निर्देशों में कहा गया कि पेट्रोल डीजल (Petrol-Diesel) का मूल्य बढ़ने रसोई गैस सिलेंडर (gas cylinder) के दामों में हुई वृद्धि किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ और किसानों का साथ देने के लिए 19 दिसंबर को पूरे प्रदेश में विरोध दिवस (Protest day) मनाया जा रहा है। सभी जिला अध्यक्ष स्थानीय स्तर पर इस आयोजन को सुनिश्चित करें।
वहीं बीजेपी द्वारा कृषि बिल किसानों को समझाने के लिए किए जा रहे किसान सम्मेलन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र मंत्री रविशंकर प्रसाद को कृषि कानून पहले अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल को समझाना चाहिए और इसी के बाद इस बिल को किसानों को समझाना चाहिए।