MP News : अब सहकारी समितियां घरेलू खर्च और अन्य बड़े कामों के लिए देंगी कर्ज

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश के ग्रामीण क्षेत्रों (Rural areas) में निवास करने वाले गरीब वर्ग के लोग घर के बड़े कामों में जैसे शादी-ब्याह (Marriage) के लिए साहूकारों (Moneylenders) से मोटी ब्याजदर (Rate of interest) पर रुपए लेते हैं। जो लंबे समय से चली आ रही है। अब इसे हम परंपरा कहे या फिर मजबूरी। लेकिन गरीब वर्ग (Poor class) को घर के बड़े कामों के लिए परेशानी होती ही है। इन्ही समस्याओं को दूर करने के लिए शिवराज सरकार ने नया रास्ता अपनाया है। जिसके तहत अब किसानों की आर्थिक जरूरत (Economic need of farmers) को पूरा करने के लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है। अब मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में घरेलू खर्च (household expenditure) और शादी के लिए सहकारी समितियां (Co-operative societies) कर्ज देंगी। जिसका ब्याज दर भी काफी कम होगा।

अब साहूकारों से मोटी ब्याज पर नहीं लेना पड़ेगा रुपए


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।