MP के इस शहर में तैयार होता है राष्ट्रध्वज, शासकीय इमारतों की बनता है शान 

Atul Saxena
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ग्वालियर , अतुल सक्सेना।  देश की आजादी (Independence) में प्रमुख भूमिका निभाने वाले ऐतिहासिक शहर ग्वालियर (Gwalior) को वीरांगना लक्ष्मीबाई (Rani Laxmibai ) के शौर्य को देखने का सौभाग्य मिला है। रानी के अलावा सरदार भगत सिंह (Bhagat Singh), चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) जैसे रणबांकुरों के अज्ञात वास और शरण स्थली बनकर भी ग्वालियर(Gwalior) ने इतिहास के सुनहरे अक्षरों में अपना नाम दर्ज कराया है। इसके साथ साथ आज ग्वालियर (Gwalior) की शान बढ़ा रहा है यहाँ निर्मित देश का गौरव राष्ट्रध्वज (National flag)तिरंगा। ग्वालियर(Gwalior) देश का तीसरा और उत्तर भारत का इकलौता शहर है जहाँ भारत सरकार की झंडा संहिता का पालन करते हुए अधिकृत रूप से राष्ट्रध्वज (National flag) का निर्माण किया जाता है।

भारत की आन ,बान और शान राष्ट्रध्वज (National flag) तिरंगा कल 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर लाल किले की प्राचीर से लेकर, मंत्रालय, सचिवालय, न्यायालय सहित सभी शासकीय इमारतों पर फहराया जाएगा। देश के साथ ग्वालियर (Gwalior) के लिए ये दिन विशेष गौरव का दिन होगा क्योंकि जिन जगहों पर राष्ट्रध्वज (National flag)तिरंगा फहराया जाएगा उसमें से बहुत सी जगह  मध्यभारत खादी संघ ग्वालियर (Madhya Bharat Khadi Sangh Gwalior) द्वारा तैयार राष्ट्रध्वज (National flag) देश  की शान बनेगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....