डिंडोरी, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में लव जिहाद (love jihad) के खिलाफ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 (Freedom of Religion Act 2020) लागू कर दिया गया है। इस अधिनियम के लागू होने के बाद से अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं। अब ऐसा ही एक ऐसा मध्य प्रदेश के डिंडोरी (dindori) जिले से सामने आया है। जिसमें पहली बार पुलिस निकाह कराने वाले काजी के खिलाफ मुकदमा दायर करेगी।
दरअसल मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के एक युवक पर डिंडोरी के नाबालिक युवती को डरा धमकाकर निकाह करने का मामला पुलिस ने दर्ज किया है। इस मामले में डिंडोरी के एसपी अमित सिंह (Amit singh) का कहना है कि उसने अपने बयान में साफ कहा है कि उसे डरा धमकाकर नागपुर ले जाया गया था। वही नागपुर में काजी द्वारा दोनों का निकाह करवाया गया।
इसके साथ ही डिंडोरी एसपी ने कहा कि यूपी के बयान के बाद मध्य प्रदेश पुलिस का एक दल काजी को पकड़ने नागपुर रवाना हुआ है। बता दें कि इस मामले में पुलिस ने आरोपी युवक और उसके माता-पिता के खिलाफ नए कानून के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज किया है। छिंदवाड़ा के युवक द्वारा युवती को जबरन डरा धमकाकर नागपुर ले जाया गया था जहां उससे युवक ने निकाह किया था। इस मामले में युवती के परिजनों द्वारा शिकायत करने पर पुलिस ने मोबाइल लोकेशन द्वारा युवती को घर से बरामद किया। वहीं घर के अन्य आरोपी फरार हो गए।
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पुलिस द्वारा छिंदवाड़ा युवक उसके परिवार सहित इस घटना में संलिप्त ड्राइवर को भी दोषी बनाया गया है। वहीं युवती के नाबालिक होने की वजह से आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसी के साथ पुलिस का एक जस्ता नागपुर के लिए रवाना हुआ है। जहां काजी की तलाश की जा रही है।
बता दे कि मध्य प्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 के तहत जबरन शादी कराने का धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी के खिलाफ से 5 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं यह पहला मौका है जब किसी धर्मगुरु के खिलाफ जबरन शादी कराने के मामले में एफआईआर होगा।