Chhatarpur : उखड़ रही पीतल उद्योग की सांसें, विधानसभा में सरकार के वादे के बाद भी नहीं मिल रही सहायता

छतरपुर, संजय अवस्थी। छतरपुर का पुराना लघु उद्योग पीतल के बर्तनों का कारोबार (Brassware industry) हर साल सिमटता जा रहा है। 10 साल पहले शहर के तमरयाई मोहल्ले में लगभग 300 परिवार बर्तनों के कारोबार से जुड़े थे लेकिन अब बमुश्किल 50 परिवार ही इस काम को कर रहे हैं। बगैर किसी सरकारी मदद के सिमटते पीतल बर्तनों के लघु उद्योग के सुधार के लिए सरकार ने वर्ष 2019 में योजना बनाने का ऐलान किया था, लेकिन पिछले डेढ़-दो वर्षों में इस दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं हो सके। अब विधानसभा (Vidhan sabha) में एक प्रश्न का जवाब देते हुए मप्र सरकार के मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा है कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है और जल्द ही छतरपुर के पीतल से निर्मित बर्तनों को सरकारी माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जाएगा।

Chhatarpur : उखड़ रही पीतल उद्योग की सांसें, विधानसभा में सरकार के वादे के बाद भी नहीं मिल रही सहायतापरंपरागत काम छोड़ रहे बर्तन निर्माता


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।