भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना का सबसे पहला असर नाक और गले के माध्यम से होता है। कहा जाता है कि इसका वायरस नाक या मुंह के माध्यम से गले में लगभग चार दिन तक रहता है और उसके बाद फेफड़ों में जाता है। ऐसे में सीहोर के सिविल सर्जन डा. आनंद शर्मा ने नाक और गले को संक्रमण से बचाने का सहज और सरल तरीका बताया है।
कोरोना का पहला अटैक नाक या मुंह के माध्यम से होता है और इसीलिए मास्क लगाने की सलाह दी जाती है।
यह भी कहा जाता है इसका वायरस गले में परिपक्व होता है और उसके बाद फेफङो मे जाता है। यदि पहली स्थिति में इसे समाप्त कर दिया जाए तो कोरोना से बचा जा सकता है। सीहोर के सिविल सर्जन डॉ आनंद शर्मा ने नाक और गले को संक्रमण से बचाए रखने का सरल उपाय बताया है। इस क्रिया को नेति कहा जाता है। डा.शर्मा का कहना है कि नाक के माध्यम से बहुत सारे वायरस इत्यादि शरीर में प्रवेश करते हैं।