ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर जिले में कार्यरत ANM ने बुधवार को प्रदर्शन कर अनमोल एप पर काम करने से इंकार कर दिया और CMHO को अनमोल एप पर एंट्री के लिए दिए गए टेबलेट को वापस कर दिया। ANM ने कहा कि हमारी भर्ती दसवीं पास से हुई है हमारे पास कोई कंप्यूटर की डिग्री तो है नहीं। फिर रूटीन टीकाकरण से लेकर कोरोना टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं, बच्चों सहित सभी योजनाओं में, डेंगू , मलेरिया सभी जगह हमें ही भेजा जाता है। अरे भाई हम महिलाएं है कोई नौ दर्जा तो बन नहीं जाएँगी।
ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय के बाहर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ANM (Auxiliary Nurse Midwife) ने प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन सामान्य प्रदर्शन से अलग था। सभी ANM के हाथ में एक टेबलेट था जिसे वो वापस करने आई थी। सरकार ने उन्हें इस टेबलेट में अनमोल एप के जरिये उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की ऑनलाइन एंट्री करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसे मानने से ANM ने इंकार कर दिया है और आज शासन द्वारा दिए गए टेबलेट वापस करने आई थी।
प्रदर्शन में शामिल ANM कल्पना सिंह ने कहा कि हम लोग दसवीं पास कर ANM बने हैं कोई कंप्यूटर ऑपरेटर तो हैं नहीं, ना ही हमारे पास कंप्यूटर की डिग्री है तो टेबलेट पर कैसे काम करें, चलिए सीख भी लें, लेकिन जब टारगेट पूरे नहीं होते तो विभाग वाले परेशान करेंगे, तन्खा काट लेंगे, एग्रीमेंट रोक लेंगे, हम लोगों पर कार्रवाई करते हैं। अरे हमें समय तो दीजिये। हम सब सिस्टर मार्च 2020 से कोरोना में दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं। यदि हम नहीं पहुंचेंगे तो कोई कोरोना का टीकाकरण केस एकरा लेगा लगा।
आक्रोशित ANM ने कहा कि यही सिस्टर गर्भवती को लाभ, बच्चों को लाभ दे रहीं, ये ही टेबलेट चला रहीं, ये ही टीकाकरण करा रहीं, डेंगू मलेरिया में भी ये ही जाएँगी। आप ये बताइये हम महिलाएं हैं कोई नौ दुर्गा तो नहीं बन जायेंगे। प्रदर्शनकारी ANM ने साफ़ दिया कि हम अनमोल पर एंट्री नहीं कर पाएंगे। जो कम्यूटर ऑपरेटर रखे गए हैं वो क्यों रखे हैं? जब हम उनसे कुछ पूछते हैं तो उन्हें नहीं आता तो जब कंप्यूटर ऑपरेटर को नहीं आता तो दसवीं पास को क्या आएगा? हम एंट्री नहीं कर सकते, आज हम अनमोल जमा करके जायेंगे।
ANM की बातें सुनने के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीष शर्मा (cmho dr manish sharma) ने कहा कि इन लोगों को अनमोल एप से कोई परेशानी हैं , टेबलेट वापस करने आईं हैं, अब देखते हैं शासन से जो निर्देश आएंगे वैसा काम करेंगे।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....