सागर जिले (Sagar) के गौरझामर के घोषी पट्टी गांव के रहने वाले प्रह्लाद सिंह करीब 23 साल पहले पहले गलती से पाकिस्तान पहुंच गए थे। तब उनकी उम्र 33 साल की थी। फूंदीलाल राजपूत के बेटे प्रह्लाद के भाई के मुताबिक वे मानसिक रूप से बीमार थे। उनके लापता होने के बाद घरवालों ने उन्हें तलाशने की तमाम कोशिशें की लेकिन वो नहीं मिले। उनके लापता हो जाने के बाद से उनकी मां गुलाबरानी लंबे अरसे तक उनकी राह देखती रहीं, लेकिन पांच साल पहले अपने बेटे का इंतजार करते हुए आखिर उनकी मौत हो गई।बाद में पता चला कि वो भटककर पाकिस्तान पहुंच गए थे और वहां पाकिस्तान आर्मी ने उन्हें कैद कर लिया था।
साल 2014 में पुलिस को जानकारी मिली कि प्रह्लाद सिंह नामक शख्स पाकिस्तान की जेल में बंद है। इसके बाद उनके बारे में सारी जानकारी जुटाई गई और पुलिस ने परिजनों को इस बात की जानकारी दी। इसके बाद उनकी रिहाई की कोशिशें शुरू हुई और आखिरकार 23 साल बाद वो अपने वतन वापिस लौट चुके हैं। उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत के हवाले कर दिया गया है। अटारी बार्डर पर प्रह्लाद को लेने उनके भाई वीर सिंह भी पहुंचे थे। दो दशक बाद अपने भाई को देखकर वीर सिंह फफक कर रो पड़े। 56 साल के प्रह्लाद सिंह अब जल्द ही अपने गांव पहुंचेंगे, उनके गांव मेें सभी लोग बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे हैं।
https://twitter.com/mohdept/status/1432283871328944128?s=20