लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट देश में इन दिनों कांग्रेस (congress) मुश्किल में है। कांग्रेस पर लगातार उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा उपेक्षा का आरोप लगाया जा रहा है। कई दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस का हाथ छोड़ अन्य पार्टी का दामन थाम लिया है। वहीं कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक की ललितेश पति त्रिपाठी (Lalitesh Pati Tripathi) ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव (assembly election) से पहले कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी ने गुरुवार को घोषणा की कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन अपने अगले कदम पर चुप्पी साधे हुए हैं। त्रिपाठी पूर्व UP के मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र हैं। पत्रकारों को संबोधित करते हुए त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के सभी पदों के साथ-साथ अपनी प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि उन्होंने पदों पर बने रहने का “अधिकार खो दिया”।
कांग्रेस से उनका जाना पार्टी के लिए एक और झटका है दरअसल आगामी 2022 के UP विधानसभा चुनाव है। ऐसी स्थिति में दिग्गज नेता का पार्टी से जाना निश्चित ही चिंता का कारण है। हालांकि पूर्वी यूपी के वाराणसी-मिर्जापुर क्षेत्र में पिछले प्रभाव का दावा करते है त्रिपाठी को हाल के दिनों में ज्यादा चुनावी सफलता नहीं मिली है।
त्रिपाठी ने 2012 में मरिहान सीट से विधानसभा चुनाव जीता लेकिन 2017 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बावजूद भारी अंतर से भाजपा उम्मीदवार से हार गए। उन्होंने 2014 और 2019 में मिर्जापुर सीट से दो लोकसभा चुनाव भी लड़े, लेकिन हर बार केवल तीसरे स्थान के साथ ही उन्हें संतोष करना पड़ा।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी यूपी में पार्टी को पुनर्जीवित करने का जिम्मा दिए जाने के बाद, त्रिपाठी ने उनके साथ मिलकर काम किया और अक्सर उनके साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों और बैठकों में देखा जाता रहा था। वहीँ पत्रकारों को संबोधित करते हुए त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के सभी पदों के साथ-साथ अपनी प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।
हालांकि उन्होंने कहा कि “कांग्रेस की विचारधारा” अभी भी उनके भीतर है और यह विचारधारा भी “देश का आत्मा” है, उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में पार्टी के वफादारों और पुराने समय के लोगों की “उपेक्षा” की जा रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि उन्होंने पदों पर बने रहने का “अधिकार खो दिया”। त्रिपाठी ने कहा कि वह तुरंत किसी अन्य पार्टी में शामिल होने के इच्छुक नहीं हैं, चाहे वह सपा हो या भाजपा और अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अपने भविष्य के कदम पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कार्यकर्ता मुझसे 2022 का चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहते हैं, तो मैं ऐसा करने को भी तैयार हूं।