माना जा रहा है कि अगर न्यू वेज कोड लागू होता है तो इससे सैलरी और पीएफ पर अच्छा खासा असर पड़ेगा और ऑफिस का टाईम भी बढ़ जाएगा।में सबसे ज्यादा चर्चा सैलरी को लेकर है। हालांकि किसी कर्मचारी का बेसिक सैलरी (Basic Salary) कंपनी की लागत (CTC) का 50 फीसदी से कम नहीं हो सकती है।कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 15000 रुपये से बढ़कर 21000 रुपये हो सकती है।वही ऑफिस टाइम के साथ ग्रेच्युटी और पीएफ (Gratuity & PF) भी बढ़ जाएगा। नए श्रम कानून में 12 घंटे काम करने का प्रस्ताव दिया गया है, हालांकि आपके हाथ में हर महीने आने वाला वेतन कम हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित, 1 जुलाई से लागू होने वाले लेबर कोड के नियमों (Labour Code Rules 2021) को अब मोदी सरकार (Modi Government) अक्टूबर 2021 से लागू कर सकती है।इसको लेकर आज बड़ी बैठक बुलाई गई है, जिसमें कई मुद्दों समेत राज्य के ड्राफ्ट इनपुट पर चर्चा की जाएगी और अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही इसको लेकर गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी। इसके लिए पहले ही उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखंड आदि राज्यों में ड्राफ्ट रूल को सर्कुलेट करना शुरू कर दिया है।
नया वेज कोड लागू के बाद कर्मचारियों (Government Employee) की बेसिक सैलरी कर्मचारियों के CTC की 50 फीसदी से कम नहीं हो सकती है। बेसिक सैलरी बढ़ने से कर्मचारियों का पीएफ ज्यादा कटेगा। इससे कर्मचारियों के हाथ में आने वाली सैलरी निश्चित तौर पर कम हो जाएगी, लेकिन रिटायरमेंट पर उन्हें ज्यादा पैसे मिलेंगे। कंपनियों को बेसिस सैलरी का 50 प्रतिशत या इससे ज्यादा रखना होगा। बाकि 50 फीसद में सभी भत्ते शामिल होंगे।ऐसे में कर्मचारियों का ईपीएफओ (EPFO) और ग्रेच्युटी में योगदान बढ़ जाएगा।
नए नियम के मुताबिक, कर्मचारियों को 9 के बजाए 12 घंटे की शिफ्ट करनी पड़ सकती है, जिसमें हर पांच घंटे पर आधा घंटा का ब्रेक मिलेगा। वहीं, सप्ताह में 48 घंटे काम करना होगा। अगर कोई व्यक्ति रोजना 8 घंटे काम करता है तो उसे सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा। वहीं, दिन में 12 घंटे काम करने वाले व्यक्ति को सप्ताह तीन छुट्टी मिलेगी।15 से 30 मिनट भी अतिरिक्त समय देने पर उसे ओवरटाइम माना जाएगा। वहीं हर पांच घंटे पर कर्मचारियों को 30 मिनट का ब्रेक मिलेगा। इसके साथ ही सैलरी के नियम बदल जाएंगे।
न्यूज वेज कोड के लाभ
- नए वेज कोड के लागू होने से कर्मचारियों का PF ज्यादा कटेगा, ज्यादा रकम जमा होगी।
- रिटायरमेंट के बाद अच्छी पेंशन मिलेगी और मोटा फंड तैयार होगा।
- ग्रेच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ेगा। 1 महीने की ग्रेच्युटी भी मिल सकती है।
- असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा क्योंकि अभी तक बहुत-सी कंपनियों में ऐसे लोगों के वेतन के लिए कोई तय प्रारूप नहीं है।
- हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी।
- लोगों ज्यादा इन्वेस्टमेंट होगा और इन्वेस्टमेंट साइकिल को बूस्ट मिलेगा।
- टैक्स सेविंग्स भी ज्यादा होगी, हालांकि इसकी लिमिट फिलहाल ढ़ाई लाख रुपए रहेगी।