भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में अपने एक फैसले में कहा था कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को चुनावों से दूर रखने के लिए संसद को कानून बनाना चाहिए। कोर्ट ने यह चिंता इसलिए जाहिर की क्योंकि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में दागियों की संख्या में कमी नहीं आई है। इस बार फिर राजनीतिक दलों ने दागियों को चुनावी रण में उतारा है। पंद्रवी विधानसभा चुनाव के लिए इस बार कांग्रेस ने 48 फीसदी दागियोंं को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा में ये संख्या 30 फीसदी है। इस मामले में बीएसपी ने सबसे कम दागियों को उतारा है। पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार एक फीसदी ज्यादा उम्मीदवार ने खुद पर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
मध्यप्रदेश इलेक्शन वॉच और ऐसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स ने रविवार को इस बारे में विश्लेषण के बाद आंकड़े जारी किए हैं। संस्था ने चुनाव के लिए दो हजार 716 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। संस्था के मुताबिक इनमें से कुल 464 उम्मीदवारों (17 फीसदी) ने खुद पर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। ये आंकड़ा वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव से एक फीसदी ज्यादा है। 295 उम्मीदवारों (11 प्रतिशत) ने खुद पर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।