कोरोना वायरस(corona virus) के चलते लगे लॉकडाउन(lockdown) में रोजाना नित नई तस्वीरे सामने आ रही है।हाल ही में एक और मार्मिक तस्वीर सामने आई है जहाँ एक गर्भवती महिला अपने पति और दो छोटी बेटियों के साथ नागपुर से जबलपुर पैदल चलकर आई। इस बीच किसी ने भी उसकी सुध नही ली।कई दिनों की मेहनत से जैसे तैसे वह जबलपुर(jabalpur) बायपास तक पहुँची तो उसे प्रसव पीड़ा हुई। जिसकी जानकारी किसी ने कलेक्टर भरत यादव को दी। उन्होंने मदद के लिए तुरंत गोरखपुर तहसीलदार प्रदीप मिश्रा को मौके पर भेजा। तहसीलदार प्रदीप मिश्रा ने अपना दायित्व निभाते हुए महिला को मेडिकल कॉलेज(medical college) में भर्ती कराया। अस्पताल(hospital) में महिला ने एक स्वास्थ्य बेटे को जन्म दिया। बाद में तहसीलदार ने महिला और उसके परिवार वालो को विशेष वाहन से उनके निवास स्थान ग्वालियर भिजवा दिया।
मूलतः ग्वालियर की रहने वाली महिला नागपुर में करती थी परिवार के साथ मजदूरी
बताया जा रहा है कि राजेंद्र बघेल मूलत: ग्वालियर के रहने वाले हैं। वे नागपुर में बेलदारी करते हैं। एक महीने से परिवार के पास कोई काम नहीं था।नागपुर में स्थानीय शासन से मदद मांगी, लेकिन उसे कोई सहारा नहीं मिला। ग्वालियर जाने की परमीशन भी नहीं दी गई।महिला के पति के मुताबिक जब कही से सहारा नही मिला तो वह अपनी गर्ववती पत्नी और बच्चों के साथ 19 अप्रैल को बर्तन एवं सूखा अनाज लेकर ग्वालियर के लिए रवाना हो गया।
कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार प्रदीप मिश्रा ने की मदद
सूचना के बाद तहसीलदार प्रदीप मिश्रा वाहन में राजेंद्र की पत्नी नीतू, उसकी छह एवं तीन वर्षीय पुत्री कामिनी और कृष्णा को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। वहां इलाज के दौरान पुत्र को जन्म दिया। तहसीलदार प्रदीप मिश्रा ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंजू एवं सुधा और मुकेश राय को बुलाकर गोद भराई रस्म पूरी की। उन्हें लड्डू एवं नकद राशि देकर विशेष वाहन से ग्वालियर रवाना किया गया।