कोरोना संकटकाल (corona crisis) में एमपी (mp) की राजनीति देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। आए दिन कोई ना कोई मुद्दा सुर्खियों में बना हुआ है। इन दिनों मंत्रियों के विभागों को लेकर सियासी पारा गर्म है। शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार (Shivraj cabinet expansion) के एक हफ्ते से ज्यादा बीत जाने के बावजूद अबतक मंत्रियों में विभागों का बंटवारा (Division of departments) नही हो पाया है। लगातार हो रही देरी के चलते जहां विपक्ष घेराबंदी कर रहा है वही अपने भी सवाल खड़े करने से नही चूक रहे है। अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और सतना से लोकसभा सांसद गणेश सिंह (Senior BJP leader and Lok Sabha MP from Satna, Ganesh Singh) ने बड़ा बयान दिया है ।
दरअसल, सतना संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले गणेश सिंह ने मीडिया को एक विज्ञप्ति जारी की है। गणेश सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के किसी भी विभाग को छोटे-बड़े होने के दायरे से नहीं देखना चाहिए। यह तो उस मंत्री की कार्य कुशलता पर निर्भर करता होगा कि कौन कैस उसे चलाने की सामथ्र्य रखता है। उन्होंने कहा कि भाजपा में सभी का उद्देश्य बेहतर सरकार देना है। बेहतर कार्य करके समस्याओं का समाधान करना है।
वही सिंधिया को लेकर गणेश सिंह का कहना है कि सिंधिया का प्रदेश की राजनीति में एक ऊंचा कद है। उनके प्रति पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं के मन में एक अलग आदरपूर्वक सम्मान है। यदि उनकी वजह से मंत्रियों के विभागों के बटवारे में विलंब हो रहा है, तो उन्हें गंभीरता से विचार करना चाहिए। प्रदेश की जनता एक बेहतर सरकार शिवराज के नेतृत्व में काम करते हुए देखना चाहती है। सांसद ने कहा कि जहां तक विभागों के वितरण का मामला है, यह विशेषाधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री का है। इस पर किसी को दखल नहीं देना चाहिए। क्योंकि कार्य के परिणाम की जवाबदारी अंतत: मुख्यमंत्री की ही होती है।
पहले भी अपने उठा चुके है सवाल
हाल ही में सागर जिले की सुरखी से विधायक रहीं पारुल साहू (Parul Sahu) ने भी विभागों के बंटवारे को लेकर एक फेसबुक पोस्ट की थी। पारुल साहू ने टिप्पणी करते हुए लिखा था ‘ये राजनीतिक दहेज़ प्रताड़ना कहीं तलाक का कारण ना बन जाये, मेरा शीर्ष नेतृत्व से निवेदन है कि जननायक मुख्यमंत्री शिवराज जी के प्रति आम जन में लगाव और सम्मान को इस तरह धूमिल नहीं किया जाये। उनके अनुभव, पार्टी के प्रति निष्ठा और कार्यकर्ताओं की भावना अनुरूप कोई भी निर्णय लेने के लिये आदरणीय मुख्यमंत्री जी को पूर्ण स्वतंत्रता दी जाये’।इससे पहले मंत्री बनाये जाने से नाराज चल रहे भाजपा के दिग्गज विधायक व पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा कि ‘पहले मंत्रियों की संख्या और अब विभागों का बंटवारा। मुझे डर है कही भाजपा का आम कार्यकर्ता हमारे नेता की इतनी बेइज्जती से नाराज न हो जाय। नुकसान हो जाएगा’। विश्नोई इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज को इस सम्बन्ध में पत्र भी लिख चुके हैं।
बता दे कि मध्यप्रदेश(madhyapradesh) में शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार(shivraj cabinet expansion) के बाद के एक हफ्ते से अधिक समय बीत चुका हैं, लेकिन अभी तक मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है, जबकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(CM Shivraj singh chouhan) ने संकेत दिए थे कि गुरुवार तक मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो जाएगा, लेकिन बडे विभागों को लेकर लगातार फंसते जा रहे पेंच के चलते बंटवारे में देरी हो रही है।यही कारण रहा कि गुरुवार को होने वाली कैबिनेट बैठक(cabinet meeting) को भी निरस्त कर दिया गया है। अब अगले हफ्ते तक विभागों का बंटवारे होने की संभावना है, चुकी 20 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरु होने वाला है।