इन देशों में भी है कारोबर
दरअसल, आजकल ओला पूरे भारत में अपना कारोबार जमा चुका है। आप घर बैठे मोबाइल के जरिए इस सर्विस का लाभ उठा सकते हैं। इसकी सेवाओं ने हमारी जिंदगी को बहुत ही आरामदायक बना दिया है। जिसकी कहानी काफी अलग थी। बता दें कि ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल साल 2008 में आईआईटी बॉम्बे से बीटेक की डिग्री हासिल की। जिसके बाद, उनकी नौकरी माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में लग गई। हालांकि, उस दौरान उनका बिजनेस का कोई मन नहीं था, लेकिन तभी कुछ ऐसा मोड़ आया कि एकदम उनके करियर में कायापलट हो गया। नौकरी के दौरान उन्होंने वीकेंड प्लान किया। तभी वह बेंगलुरु से बांदीपुर जा रहे थे, जिसके लिए उन्होंने टैक्सी बुक की थी। रास्ते में चालक ने काफी ज्यादा चार्ज डिमांड की, जिसपर उन दोनों के बीच बहस हो गया और टैक्सी ड्राइवर ने उन्हें रास्ते में उतार दिया। जिसके बारे में काफी देर सोच-विचार करने के बाद भाविश के मन में यह ख्याल आया कि ऐसी स्थिति काफी लोगों को होती होगी, जिसे सॉल्व करने के लिए उनके दिमाग में एक आइडिया आया और उन्होंने ट्रैवल प्लान वेबसाइट को कैब सर्विस में बदल डाला।
2010 में हुई थी शुरुआत
बता दें कि 10 बाय 12 फीट के कमरे से 3 दिसंबर 2010 को ओला कैब की शुरुआत की गई थी, जो आज बड़ी कंपनी में बदल चुकी है। हालांकि, कंपनी की शुरुआत में भाविश और उनके फैमिली वालों ने कभी यह सोचा नहीं था कि वह भारत में सबसे बड़ी एग्रीगेटर कंपनी बन जाएंगे, तो यह जानकर हैरानी होगी कि भाविश को स्नैपडील के फाउंडर कुणाल बहल, रेहान और अनुपम जैसे बड़े पूंजीपतियों ने फंड मुहैया कराया। इसके बाद लगातार उन्हें फंडिंग मिलती चली गई। भाविश के मुताबिक, बिजनेस में सफलता प्राप्त करने के लिए क्लियर विजन, सस्टेनेबल बिजनेस मॉडल और एग्जिक्यूशन प्लान होना बेहद महत्वपूर्ण थे। एक इंटरव्यू के दौरान भाविश ने बताया था कि 2011 से 2014 तक उनके लिए स्ट्रगल का दौर था, जिसमें उन्हें अपने विजन को प्रमोट करने और बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए काफी प्रयास करना पड़ा था। फिर साल 2014 से 2017 तक उन्होंने अपने व्यापार को विस्तार करने के लिए स्केलिंग फेज में प्रवेश किया। इस समय वे अपने विजन को साकार करने के लिए मेहनत करते गए।
कंपनी का वैल्यूएशन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में ओला कैब की कंपनी का वैल्यूएशन 4.8 बिलियन डॉलर यानी 39,832 करोड रुपए हो चुकी है। बता दें कि अब इस कंपनी में इलेक्ट्रिक स्कूटर भी बनाया जाता है, जो इन दोनों मार्केट में छाया हुआ है। आप ओला एप के जरिए घर बैठे अपने डेस्टिनेशन तक ऑटो, बाइक या फिर कार बुक कर सकते हैं। यह कस्टमर को डायरेक्ट कैब ड्राइवर के साथ जोड़ती है। जिसपर कैब ड्राइवर का कमीशन फिक्स होता है। ओला कंपनी का कारोबार इंडिया के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन में भी फैल चुका है। रिपोर्ट्स की मानें तो करीब 60% मार्केट शेयर के साथ यह इंडिया की सबसे बड़ी कैब एग्रीगेटर कंपनी बन चुकी है। फिलहाल, कंपनी में हजारों लोग जॉब कर रहे हैं।