बालाघाट। सुनील कोरे | विधानसभा चुनाव से वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र पूरे प्रदेश में आज भी सुर्खियों में है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चेहरे रहे कमलनाथ ने इस विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस नेता और विधायक रहे प्रदीप जायसवाल की टिकिट काटकर मुख्यमंत्री श्री चौहान के साले संजयसिंह मसानी को दे दी थी। वहीं विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने इसी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी को हराने वाले निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने समर्थन देने पर, प्रदेश के मलाईदार खनिज विभाग का मंत्री बना दिया था। जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार का तख्ता पलटा तो भी वारासिवनी विधानसभा के निर्दलीय विधायक फिर सतारूढ़ हुई सरकार के साथ आ गये। जिससे क्षेत्र को फिर सुर्खियां मिली। जिसके बाद प्रदेश में सरकार बनाने में समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक को खनिज निगम का अध्यक्ष बनाया गया तो एक बार फिर क्षेत्र सुर्खियो में रहा। हालांकि इसके बाद हर जगह जारी बयान में खनिज निगम अध्यक्ष, यह जरूर कहते है कि विकास के नाम पर भाजपा सरकार को समर्थन देकर क्षेत्र विकास के लिए सरकार को ‘‘ट्रेक्टर’’ किराये पर दिया है। जिसको लेकर भी वह सुर्खियों में है।
एक बार फिर प्रदीप जायसवाल सुर्खियों में है। हालांकि इस बार श्री जायसवाल, कभी उनके साथ पार्टी में रहे कांग्रेस विधायक तामलाल सहारे के निशाने पर है। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तामलाल सहारे ने क्षेत्र विकास के नाम पर भाजपा को समर्थन देने को लेकर विधायक प्रदीप जायसवाल पर हमला बोला है। कभी कांग्रेस में प्रदीप जायसवाल के विधायक और अध्यक्ष रहते हुए विधायक तामलाल सहारे उनके साथ रहकर पार्टी के मंचो को साझा कर चुके है, यही नहीं बल्कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार में वारासिवनी के निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल के खनिज मंत्री बनने के बाद भी विधायक तामलाल सहारे, उनके साथ मंच साझा करते रहे है, लेकिन कांग्रेस से अपनी राजनीतिक उंचाईयों पर पहुंचने वाले निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल के क्षेत्र के विकास के नाम पर भाजपा सरकार को समर्थन देने के बयान के विपरित उनकी राय है। विधायक तामलाल सहारे का कहना है विकास ही, सब कुछ नहीं है, राजनीति में सिद्धांत भी होना चाहिये। राजनीतिक व्यक्ति में सिद्धांतो का होना, एक बड़ी जिम्मेदारी है। जिसे हमें नहीं भुलना चाहिये।