भूपेन्द्र सिंह बोले- कर्जमाफी की जानकारी गलत, कांग्रेस ने कहा-यह तो विधानसभा की अवमानना है ?

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में किसान कर्ज माफी ( farmers loan waived off in madhya pradesh) का मुद्दा आए दिन सियासी सरगर्मी का पारा बढ़ा देता है। एक बार फिर कर्जमाफी (loan waived off) को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच बयानों का दौर चालू हो गया है। कांग्रेस पार्टी (congress party) आए दिन किसानों (farmers) के किए गए कर्ज माफ  को लेकर अपनी पीठ थपथपाती रहती है, वहीं भाजपा सरकार (bjp government) कांग्रेस के कर्ज माफ करने वाले दावों को झूठलाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है।

विधानसभा (Assembly) में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह (Congress MLA Jayawardhan Singh) के एक सवाल में प्रदेश के कृषि मंत्री कमलपटेल(Agriculture Minister Kamalpatel) ने जबाव देते हुए माना कि मध्यप्रदेश के 51 जिलों (51 district of madhya pradesh) में किसानों के कर्ज को माफ किया गया है। प्रदेश सरकार (state government) ने माना कि साल 2019 के 27 दिसंबर को किसानों के कर्ज माफ करने के लेकर पहला चरण चलाया गया था, वहीं उसके बाद दूसरा चरण चलाया गया। जिसमें कुल 26 लाख 95 हजार किसानों का 11 हजार 600 करोड़ का कर्ज माफ किया गया हैं।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।