आयुष चिकित्सक और लैब टेक्निशियन्स ने की सांकेतिक हड़ताल

बालाघाट, सुनील कोरे। कोविड-19 महामारी के बाद से कोविड जांच और मरीजों के उपचार के लिए रखे गये आयुष चिकित्सकों को तीन-तीन माह के एक्सटेंशन पर रखा गया था। लेकिन 30 सितंबर को तीसरी बार महज एक माह का एक्सटेंशन किये जाने से आहत प्रदेशभर में आयुष चिकित्सक और लैब टेक्निशियनों ने संविदा मांग और एक्सटेंशन में समयावृद्धि किये जाने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए।

अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती पर अहिंसात्मक रूप से काम बंद कर इन्होने हड़ताल कर दी, जिससे प्रदेश सहित जिले में कोरोना जांच और उपचार पर ब्रेक लग गया। अपनी मांगो को लेकर आयुष चिकित्सक और लेब टेक्निशियनों ने सत्तारूढ़ सरकार के विधायक एवं पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन से मुलाकात कर चर्चा भी की लेकिन चर्चा भी बेनतीजा रही। चर्चा में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आयुष चिकित्सक और लैब टेक्निशियनों ने मानवता के नाते एक माह तक बढ़ाई गई समयावृद्धि के तहत काली पट्टी बांधकर कोविड की जांच और मरीजों के उपचार करने की मानवीयता का परिचय दिया। आयुष चिकित्सकों ने कहना है कि मानवता के नाते महामारी में वह मरीजों के साथ है अब सरकार को कोविड महामारी में लगे आयुष चिकित्सको और लेब टेक्निशियनों के भविष्य का निर्णय करना है, जिनके लिए आम जनता और विभिन्न सामाजिक संगठन सरकार पर दबाव बनाये कि फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स को सरकार उनकी सेवा के बदले उनका भविष्य सुरक्षित करें।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।