छत्तीसगढ़ के एक परिवार ने बालाघाट पुलिस से मांगी सुरक्षा, कहा- छत्तीसगढ़ पुलिस नहीं कर रही मदद

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बालाघाट, सुनील कोरे । छत्तीसगढ़ राजनांदगांव जिले (Chhattisgarh Rajnandgaon district) के बसंतपुर निवासी एक परिवार ने बालाघाट पुलिस (balaghat police) से सुरक्षा की मांग की है। बालाघाट पुलिस अधीक्षक कार्यालय (balaghat sp office) पहुंचे जहां कैलाश निकोसे और उसके परिवार ने बताया कि राजनांदगांव पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही है। इस मामले में पीड़ित परिवार, परिवार के बेटे की करनी की सजा भुगत रहा है।

गौरतलब है कि राजनांदगांव जिले (Rajnandgaon district) के बसंतपुर थाना अंतर्गत विगत 23 सितंबर को गोल्डी मरकाम की हत्या हुई थी, जिसमें पीड़ित परिवार के कैलाश निकोसे के पुत्र राजा निकोसे सहित 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें सभी लोगों को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। जिसकी बसंतपुर पुलिस विवेचना कर रही है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।