जहां चाह,वहां राह! नौ साल का कुणाल श्रेष्ठ एक पैर से खेलता है फुटबॉल, देखें वीडियो

मणिपुर,डेस्क रिपोर्ट। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! इस बात को साबित कर दिखाया है मणिपुर (manipur) के एक नौ साल के लड़के ने। नौ साल का कुणाल श्रेष्ठ (Kunal Shrestha) एक पैर से दिव्यांग (Handicaped) है, लेकिन उसका जज्बा देखने लायक है। कुणाल (kunal) का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वो फुटबॉल खेलता नजर आ रहा है।

कुणाल श्रेष्ठ (Kunal Shrestha) मणिपुर के इम्फाल (imphal) का रहना वाला है, जो कक्षा 4 का छात्र है। कुणाल की खास बात ये है कि वो सभी बाधाओं को तोड़ कर अपने जीवन को नई दिशा दे रहा है। कुणाल सिर्फ एक पैर के साथ पैदा हुआ था बावजूद इसके कुणाल सभी शारीरिक गतिविधियां (physical activities) करता है। कुणाल के वायरल हुए वीडियो में वो अपने दोस्तों के साथ बैसाखी के सहारे फुलबॉल खेलता नजर आ रहा है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।