नक्सली कनेक्शन में गिरफ्तार दंपति को आसरा देने वाले मकान मालिक पर भी होगी FIR!

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भोपाल। राजधानी से गिरफ्तार संदिग्ध नक्सली दंपति को अपने घर में किराए से रखने वाले मकान मालिक के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का मन बना रही है। मकान मालिक ने अब तक पुलिस को किराया नामा नहीं सौंपा है। हालांकि मकान मालिक का कहना है कि दंपति उनके माकन में वर्ष 2014 से रह रहे हैं। उस समय उन्होंने किराएदार की सूचना थाने में भी दी थी। उसका वेरिफिकेशन कराया गया था। आरोपी ने यहां संदीप नाम से मकान लिया था। इसी नाम के दस्तावेज उसने मकान मालिक को दिए थे। वहीं टीआई चेन सिंह रघुवंशी के अनुसार मकान मालिक का कहना है कि पांच साल पहले उन्होंने संदीप से एग्रीमेंट किया था। जिसकी कॉपी फिलहाल नहीं मिल रही है। मकान मालिक को कॉपी लाने के लिए कुछ समय दे दिया है। इसके बाद भी किराया नामा नहीं दिखाया जाता तो मकान मालि के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ता(एटीएस) ने नक्सली गतिविधियों में शामिल होने के संदेह में भोपाल के शाहपुरा क्षेत्र से दंपती को सोमवार को गिरफ्तार किया है। दोनों पहचान बदलकर भोपाल में एक किराए के मकान में रह रहे थे। यह दंपती जौनपुर की रहने वाली है। गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को उन्हें भोपाल की जिला अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 12 जुलाई तक ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट भरत कुमार व्यास की अदालत में यूपी एटीएस थाना प्रभारी शैलेन्द्र त्रिपाठी ने अर्जी पेश कर कहा कि उन्हें मामले में आरोपित मनीष श्रीवास्तव और अमिता श्रीवास्तव को लखनऊ ले जाना होगा। जहां पहुंचने में 24 घंटे से अधिक समय लगने की संभावना है। एटीएस की ओर से निवेदन किया गया कि यात्रा में लगने वाले समयावधी तक ट्रांजिट रिमांड स्वीकार किया जाए। एटीएस ने अदालत में पेश रिमांड अर्जी के साथ पेश डायरी में जानकारी दी कि आरोपी मनीष श्रीवास्तव और अमिता श्रीवास्तव उर्फ वर्षा ग्राम कुर्मी, तहसील मछलीशहर, जौनपुर के मूल निवासी हैं और नाम बदलकर भोपाल में नक्सली गतिविधियों में लिप्त हैं। आरोपी श्रीवास्तव दंपती एटीएस की कैद में होने के बाद भी पूरी तरह से तनावमुक्त दिखाई दे रहे थे। अदालत कक्ष के सामने बैठे हुए उनसे मिलने आने वाले परिचितों से इत्मिनान बातें करते हुए दिखाई दे रहे थे। अदालत के सामने पेश होने पर भी उनके चेहरे पर कोई शिकन दिखाई नहीं दे रही थी। ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद आरोपितों को जब वापस ले जाया जा रहा था तो उन्होंने अदालत के मुख्यद्वार पर इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए और विक्टरी के रूप में हाथ दिखाया।


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