बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 121 सीटों पर गुरुवार को रिकॉर्ड 64.66 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने शाम साढ़े आठ बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 45,341 बूथों में से 41,943 से मिली सूचना के आधार पर यह आंकड़ा सामने आया है। उन्होंने दावा किया कि स्वतंत्र बिहार के इतिहास में यह अब तक का सबसे ऊंचा मतदान प्रतिशत है। महिलाओं ने पुरुषों से आगे रहकर बढ़-चढ़कर वोट डाले।
चुनाव आयोग के मुताबिक मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर कहीं कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई। सुरक्षा के मद्देनजर 1,415 लोगों को हिरासत में लिया गया। ईवीएम की खराबी भी पिछले चुनाव से कम रही—केवल 1.21 फीसदी बैलेट यूनिट, 169 कंट्रोल यूनिट और 480 वीवीपैट बदले गए। 2020 में यह आंकड़ा 1.87 फीसदी था।
143 लिखित शिकायतें मिलीं
मतदान के दौरान 143 लिखित शिकायतें मिलीं, जिनका तत्काल निस्तारण किया गया। फोन पर आई हर शिकायत का भी मौके पर समाधान हुआ। हालांकि कुछ इलाकों में बहिष्कार भी देखने को मिला। बक्सर के ब्रह्मपुर बूथ-56, फतुहा के 165-166 और लखीसराय के सूर्यगढ़ा बूथ 1, 2 व 5 पर ग्रामीणों ने वोट डालने से इनकार कर दिया।
दूसरे चरण की तैयारियों में जुटे
चुनाव आयोग ने इसे ऐतिहासिक मतदान करार देते हुए दूसरे चरण की तैयारियों में जुट गया है। अधिकारियों का कहना है कि रिकॉर्ड वोटिंग से लोकतंत्र मजबूत हुआ है। पहले चरण के नतीजे 10 नवंबर को तीसरे चरण के साथ खुलेंगे।





