भोपाल।
मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार(Corruption in Madhya Pradesh) के लगातार नए नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीँ भ्रष्टाचारमुक्त प्रदेश(Corruption free state)के मुहीम के तहत इनकी धड़ पकड़ जारी है। इसी बीच राजधानी भोपाल(Rajdhani Bhopal) से नया मामला सामने आया है। जहाँ फर्जी दस्तावेज(Fake document) के आधार पर 1500 करोड़ रुपए की जमीन पर कॉलोनी बना दी गई है। इतना ही नहीं इन कॉलोनी को अबतक 1700 लोगों को बेच भी दिया गया। जिसके खुलासे के बाद भोपाल में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की लंबी जांच के बाद जमीन घोटाले के आरोपी रिटायर्ड कर्नल समेत 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
दरअसल मामला तिलक हाउस सोसाइटी भोपाल का है। फर्जीवाड़े का पता लगते ही भोपाल ईओडब्लू ने तीन साल तक मामले की छानबीन की। ईओडब्लू की जांच में पता चला कि आरोपियों ने एयरपोर्ट रोड के पास की 1500 करोड़ रुपए लागत की 94 एकड़ जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाए। फर्जी पावर ऑफ़ अटार्नी के जरिए उन्होंने पहले जमीन पर कब्जा किया। इसके बाद उस जमीन पर कॉलोनी बनाकर 1700 से ज्यादा लोगों को प्लॉट बेच दिया। जहाँ मामले के खुलासे के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने तिलक सोसायटी के अध्यक्ष रिटायर्ड कर्नल भूपेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष शफीक मुहम्मद सहित पांच गिरफ्तार किया था।
इधर गिरफ़्तारी के बाद आरोपी रिटायर्ड कर्नल भूपेंद्र सिंह को कोर्ट में पेश किया गया। जहाँ बीमारी का हवाला देते हुए उसने कोर्ट से 45 दिन की जमानत मांगी थी। हालांकि अवधि पूरी होने के बाद वे अदालत में पेश नहीं हुए। इसके साथ ही कर्नल भूपेंद्र सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अदालत को गुमराह कर जमानत ली थी। जिसके बाद फरियादी ने मामले की शिकायत हाइकोर्ट में की। मामले पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने आरोपी को गिरफ्तार करने के आदेश दे दिए हैं। हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर जिला कोर्ट ने भूपेंद्र सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। जिसके बाद गिरफ्तारी की भनक लगने पर आरोपी भूपेंद्र सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया जहाँ से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।