ऑपरेशन मुस्कान के तहत मिले 211 लापता, 1661 की तलाश जारी

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नए साल के सिर्फ 15 दिन में करीब 1852 लोग लापता (Missing) हो चुके हैं। गुमशुदा लोगों की तलाश (Search for missing people) के लिए प्रदेश सरकार ऑपरेशन मुस्कान (Operation muskaan) चला रही है, जिसके तहत 211 लोग मिल चुके हैं। वहीं अभी भी 1661 लोगों की तलाश जारी है। मध्यप्रदेश की राजधानी (Capital of Madhya Pradesh) भोपाल (bhopal) की बात की जाए तो राजधानी भोपाल (Capital bhopal) में 15 दिन में 111 लोग लापता (Missing) हुए हैं। जिनमें से अब तक सिर्फ 35 लोगों को ही ढूंढा जा सका है। जिनमें से 29 तो लड़कियां हैं।

गुमशुदा में लड़कियों की संख्या अधिक

प्रदेश सरकार ने महिलाओं व लड़कियों की गुम (Missing) होती संख्या को बढ़ते देख चिंता जाहिर की है। जिनकी तलाश के लिए प्रदेश सरकार ऑपरेशन मुस्कान (Operation muskaan) चलाया जा रही है, जो 31 जनवरी तक चलेगा। प्रदेश से गुम हुए लोगों की तलाश के लिए विशेष टीम बनाकर ऑपरेशन मुस्कान (Operation muskaan) को चलाया जा रहा है। जो सिर्फ और सिर्फ गुमशुदा लोगों की तलाश (Search for missing people) कर रही है।

पुलिस कर रही काउंसलिंग 

घर से लापता (missing people) हुए लोगों में लड़के और लड़कियों की अधिक संख्या में शामिल है। जो अपनी मर्जी से घर से गायब हुए हैं। ऐसे लोगों के मिलने पर पुलिस काउंसलिंग कर उनके माता-पिता को उन्हें सौंप देती है। फिलहाल गुम हुए लोगों की तलाश के लिए पुलिस द्वारा तकनीकी सहायता भी ली जा रही है। जिससे गुम हुए लोगों को जल्द से जल्द ढूंढा (Search for missing people) जा सके।

लापता होने के कारण

लापता होने के कारण (Due to missing) में सबसे ज्यादा प्रेम प्रसंग का मामला (Love affair) सामने आ रहा है। बच्चे माता-पिता की डांट से घर छोड़ देते हैं। वहीं दूसरे मामले में पारिवारिक विवाद सामने आया है। जिसके चलते लोग अपने घर को छोड़कर निकल जाते हैं। इसमें तीसरा मामला यह भी है कि कई लोग कर्ज से परेशान होकर बिना किसी को बताए ही घर से बाहर चले जाते हैं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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