ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
ग्वालियर जिले की छह विधानसभा सीटों में ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जो खुद को जनता के बीच रहना पसंद करते हैं। क्षेत्र की जनता की बुनियादी सुविधाओं के लिए वे हमेशा अधिकारियों को चेतावनी देते दिखाई देते हैं। कांग्रेस सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में विधायक पाठक जिले के सबसे सक्रिय विधायक माने जाते हैं। आज जहाँ हालात विषम है और लॉक डाउन के चलते लोग घरों में हैं इस स्थिति में भी विधायक पाठक को जनता के फिक्र है। खुद को होम कवारेंटाइन में रखने के बावजूद विधायक पाठक अपने क्षेत्र की गरीब जनता के लिए अनाज की व्यवस्था करने के लिए सुबह सुबह राशन की दुकानों के निरीक्षण के लिए निकलते हैं उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर कहा है कि कोई कालाबाजारी नहीं करे और कोई ऐसा करता है तो मुझे शिकायत की जाए।उधर राशन दुकानों पर राशन की कमी और जनता की परेशानी देखकर विधायक पाठक बहुत परेशान हैं उन्होंने अपना दर्द फेसबुक पर साझा किया है। विधायक पाठक ने लिखा…
“असहाय… लाचार… बेबस और इतना कमजोर, आज के पहले ऐसा मुझे कभी महसूस नहीं हुआ, भूख से परेशान, राशन के लिए दरबदर भटकती भीड़ , यह कोई और नहीं मेरे क्षेत्र की जनता है, जिसने मुझे लाड़ और प्यार से अपना आशीर्वाद देकर इस काबिल बनाया कि मैं वक़्त पड़ने पर इनकी मदद कर सकूं। लेकिन आज प्रशासन के असहयोग के कारण, उनके बिना उचित तैयारी और योजना के इस आपदा के समय में काम करने, राशन की दुकानों पर आज ज़रूरत के समय ताला डले होने और जमाखोरी के चलते, मेरे अपने लोगों तक समय पर पेट भरने के लिए अनाज तक नहीं पहुंच पा रहा है। मानता हूँ कि कोरोनावायरस के संक्रमण से जनता को बचाना बेहद जरूरी है, लेकिन उसके साथ ही इस बात की चिंता भी रखनी है कि दिहाड़ी मजदूरों और गरीबों के पेट की भूख शांत हो सके।
प्रशासन को यदि यह लगता है कि सरकार जाने से मेरी बात को या मेरी क्षेत्र की जनता को अनदेखा किया जा सकता है, तो यह बहुत बड़ी भूल है क्योकि मुझे किसी सरकार से शक्ति नहीं मिलती अपितु मेरी असली शक्ति, मेरा सम्बल मेरे क्षेत्र की जनता है, जो मुझे बेटे की तरह प्यार करती है।
मैं प्रशासनिक अधिकारियों से हाथ जोड़ कर निवेदन करना चाहता हूँ….. कि अपने दफ्तरों में बैठकर कागजों पर योजना मत बनाओ, इस संकट की घड़ी में जमीन पर उतर कर राशन की दुकानों को चाक-चौबंद करो ताकि गरीबों तक दो वक्त का भोजन आसानी से पहुंच सके…..
सनद रहे सरकारें आती-जाती रहेंगी लेकिन गरीब की बिलखती बद्दुआ दोषियों को कभी चैन से सोने नहीं देगी….. और मुझ पर कितने भी मामले दर्ज करवा देना यदि मेरी जनता जनार्दन को इस मुश्किल घड़ी में राशन नही मिला तो मैं एक बड़ा निर्णय लेने पर मजबूर हो जाऊँगा।
मैं और मेरी जनता, लोकडाउन का पूरा समर्थन और सहयोग कर रहें है तो प्रशासन के लिए भी मानवीय कर्तव्य बनता है कि वो भी उनकी जठराग्नि को शांत करने के लिए उचित मेहनत करें… अपनी ज़िम्मेदारी मासूम बच्चों के प्रति समझें, भूखे और मजलूमों के प्रति समझें …. गरीब का, असहाय का एक एक आँसू बहुत महँगा पड़ सकता है … इस बात का समय साक्षी रहा है ।
#स्टे_होम
#स्टे_सेफ”