सात एक्सरसाइज से कोरोना ना होने का दावा करने वाले CMHO पर एक्शन, कारण बताओ नोटिस जारी

Kashish Trivedi
Published on -
CMHO

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। हाथों की सात एक्सरसाइज करने सर जीवन में कभी कोरोना नहीं होने का दावा करने वाले ग्वालियर के नव पदस्थ CMHO के खिलाफ शासन ने एक्शन लिया है। शासन ने CMHO के कृत्य को सिविल सेवा आचरण के नियमों और कोविड 19 के नियमों के विरुद्ध मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई का कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

प्रदेश सरकार ने बीती 28 सितंबर को ग्वालियर के CMHO डॉ वीके गुप्ता को हटाकर डॉ मनीष शर्मा को CMHO नियुक्त किया था। नियुक्ति के बाद 30 सितंबर को ही CMHO डॉ शर्मा का एक वीडियो सामने आया जिसमें वे कुछ लोगों को जीवन में कभी कोरोना नहीं होने का दावा करते हुए हाथों की सात एक्सरसाइज बता रहे थे। बताया जा रहा है कि ये वीडियो कलेक्टर कार्यालय में कुछ पत्रकारों के सामने रिकॉर्ड किया गया। कुछ देर बाद ही ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और न्यूज़ चैनलों तक पहुँच गया। ये वायरल वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुँच गया जिसे बाद CMHO डॉ शर्मा को वरिष्ठ अधिकारियों ने फटकार लगाई । वरिष्ठ अधिकारियों की नाराजगी के बाद CMHO डॉ मनीष शर्मा ने 3 अक्टूबर को एक नया वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग और साबुन से हाथ धोने को ही कोरोना से बचाव का सही इलाज बताया।

CMHO का भले दूसरा वीडियो सामने आ गया हो लेकिन शासन ने इसे गंभीरता से लिया है। क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ग्वालियर ने CMHO के वायरल वीडियो की लिखित जानकारी आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल डॉ संजय गोयल को भेजी जिसके बाद स्वास्थ्य आयुक्त ने CMHO डॉ मनीष शर्मा को अनुशासनात्मक कार्रवाई का कारण बताओ नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब मांगा है। नोटिस में स्वास्थ्य आयुक्त ने कहा कि आपके वीडियो में दिखाई और कही गई बातें पूर्णतः अप्रमाणित और ICMR, भारत सरकार, राज्य सरकार की कोरोना की गाइड लाइन के अनुरूप ना होकर भ्रामक है। इससे कोरोना के संक्रमण के प्रति जन सामान्य में गलत संदेश जा रहा है। आपके इस गैर जिम्मेदाराना कृत्य से जनता के सामने विभाग की छवि धूमिल हुई है। आपका ये कृत्य सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उप नियम एक के खंड i, ii, iii के अनुरूप ना होकर कदाचरण की श्रेणि में आता है तथा आप उक्त नियमों का पालन न कर अपने कार्य के प्रति कर्तव्य परायण ना रहते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के भागीदार बन गए हैं। नोटिस में CMHO से कहा गया है कि वे 10 दिन में अपना जवाब प्रस्तुत करें और यदि वे समय सीमा में जवाब नहीं देते तो उनके विरुद्ध एकतरफा निर्णय लिया जायेगा।

cmho

https://www.youtube.com/watch?v=OSCgbakIfmo


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News