इंदौर, आकाश धोलपुरे। गरीबों के हक पर वार कर अपनी जेब को मोटी करने वाले राशन माफिया भरत दवे (Ration Mafia Bharat Dave) पर प्रशासन का शिंकजा कसते ही चला जा रहा है। जहां मंगलवार को कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने स्पष्ट कर दिया राशन घोटाले (Ration scam) से जुड़े लोगों को कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा और उनसे जुड़े सभी लोगों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जायेगा। घोटाले के मुख्य आरोपी भरत दवे, श्याम दवे और प्रमोद पर रासुका की कार्रवाई (Action of Rasuka) का एलान भी किया जा चुका है। वही आरोपियों के साथियों पर 31 अलग अलग मुकदमे दर्ज किए गये है।
इधर, मंगलवार को गरीबों का हक लूटकर कालाबाजारी करने वाले भरत दवे के साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया गया। जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर भरत दवे के कार्यालय पर बुलडोजर चला दिया। इंदौर में राशन माफ़िया भारत दवे द्वारा जिस तरह से गरीबों का निवाला छीनने की कोशिश की गई थी, उस पर प्रशासन ने उसके अवैध काले साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मनीष सिंह के निर्देश पर बुधवार सुबह मोती तबेला में मंदिर की ज़मीन पर किए गए अतिक्रमण और निर्माण को प्रशासन द्वारा हटाया गया। बता दे कि श्री अंगद हनुमान मंदिर, मोती तबेला जो कि आदि गौड़ ब्राह्मण ट्रस्ट का है, उसकी भूमि पर राशन माफिया भरत दवे ने अपना कार्यालय अवैध रूप से निर्माण कर बना लिया था। कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर राशन माफिया के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा अवैध निर्माण हटाया गया और अब प्रशासन मंदिर को कब्जे वाली जमीन वापस दिलवाएगा।
हालांकि प्रशासन की सयुंक्त टीम द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान राशन माफिया भरत दवे के मोती तबेला स्थित कार्यालय पर प्रशासन की टीम की मौके पर मौजूद अधिवक्ताओं के साथ तीखी बहस भी हुई। बावजूद इसके रिमूवल की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। दरअसल राशन माफिया भारत दवे राम दवे सहित 31 लोगों पर 80 लाख रुपये से ज्यादा और हजारों गरीबों का राशन हड़पने का आरोप है। जिसके चलते प्रशासन ने उनके खिलाफ रासुका सहित अन्य धाराओं में कार्रवाई की है।
आज उनके मोती तबेला स्थित कार्यालय पर रिमूवल की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। बता दें कि इस संगीन मामले के उजागर होने के बाद फूड कंट्रोलर आरसी मीणा को निलंबित कर दिया गया था। वहीं इस मामले की सूक्ष्मता की जांच के लिए एसआईटी भी गठित कर दी गई है, जिसके बाद कई और नाम राशन घोटाले की कालाबाजारी में सामने आने की उम्मीद है।