भोपाल।
मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार की वापसी के बाद प्रशासनिक सर्जरी को लेकर अटकलें तेज़ हो गईं हैं। प्रदेश में एक बार फिर बड़े पैमाने पर आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादले किए जा सकते हैं। इसके संकेत भी शिवराज सरकार ने राजगढ़ कलेक्टर और एसडीएम को हटाकर दे दिए हैं। यही नहीं शिवराज ने सत्ता संभालते ही मुख्य सचिव को भी बदल दिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने हिसाब से प्रशासनिक जमावट कर सकते है। कमलनाथ सरकार में हशिए पर रहे अफसरों को फिर से फ्रंट में जगह मिल सकती है।वहीं, कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदार अधिकारियों का भी हटना तय माना जा रहा है। इन अधिकारियों की पदस्थापना प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद की गई थी।
दरअसल, 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पूरे प्रदेश में साल भर बड़े पैमाने पर प्रशासनिक अफसरों के तबादले कमलनाथ सरकार द्वारा किए गए थे। तब विपक्ष में रहे शिवराज सिंह चौहान ने कई बार अधिकारियों के रवैये को लेकर चेतावनी भी दी थी कि जब उनकी सरकार आएगी तो ऐसे अधिकारियों की लिस्ट तैयार है। उन्होंने कहा था कि, ‘ एक-एक की सूची बना रहा हूं, जो गलत कर रहे हैं, उनको छोड़ेंगे नहीं।’ प्रदेश की कमान संभालने के बाद अब ऐसे अधिकारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है जो कमलनाथ सरकार में भाजपा के निशाने पर थे। वही पिछले कुछ महीनों में भाजपा नेताओं के साथ अफसरशाही का जो रवैया रहा, उससे भाजपा में भारी नाराजगी है।भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी होना है। इसमें इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, गुना, छिंदवाड़ा, राजगढ़ सहित तीन दर्जन से ज्यादा कलेक्टर भी बदले जाएंगे। इनमें उन जिलों के कलेक्टर भी शामिल रहेंगे।
इन पर गाज गिरना तय!
सूत्रों के अनुसार राजगढ़ कलेक्टर के बाद इंदौर कलेक्टर लोकेश जाटव, ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और विदिशा कलेक्टर पर भी गाज गिर सकती है। वहीं, सीएम सचिवालय से आईपीएस प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, फैज अहमद किदवई, बी चंद्रशेखर को बाहर किया जा सकता है। साथ ही मुख्यमंत्री सीएम सचिवालय में अपने ओएसडी को भी पदस्थ कर सकते हैं। कमलनाथ सरकार द्वारा पिछले हफ्ते हटाए गए ग्वालियर कलेक्टर अनुराग चौधरी, गुना कलेक्टर भास्करक लक्षकर को फिर से कलेक्टर बनाया जा सकता है। चौधरी फिर से ग्वालियर कलेक्टर हो सकते हैं। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि कोरोना संकट के चलते फिलहाल अफसरों के थोकबंद तबादले नहीं होंगे। इनमें से कुछ अफसरों को ही जल्द हटाया जा सकता है।इसके अलावा सागर संभागायुक्त अजय गंगवार, चंबल संभागायुक्त रेणु तिवारी, इंदौर कलेक्टर लोकेश जाटव, ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, विदिशा पंकज जैन कलेक्टर, शिवपुरी कलेक्टर अनुग्रह पी, सागर कलेक्टर प्रीति मैथिल, रीवा कलेक्टर बसंत कुर्रै, मंडला जगदीश जटिया, छिंदवाड़ा श्रीनिवास शर्मा, बैतूल रवीन्द्र सिंह को भी हटाया जा सकता है।
इन विभागों के अधिकारियों पर नजर
इनमें ऐसे अफसरों के नाम शामिल हैं जो प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद अपनी मनचाही जगह पोस्टिंग कराई है। अब भाजपाई टारगेट में ऐसे अफसरों के नाम शामिल हैं जो कांग्रेस सरकार के चहेते अफसर हैं। इनमें पुलिस, खनिज, लोकनिर्माण, आबकारी, कृषि, नगरीय प्रशासन, सामान्य प्रशासन, ग्रामीण विकास सहित दर्जन भर विभागों के विभागाध्यक्षों के नाम शामिल बताए जाते हैं।वही टी इलैया राजा को बड़े जिले का कलेक्टर बनाया जा सकता है। क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनके काम से प्रभावित हैं। इलैया जब भिंड कलेक्टर थे, तब शिवराज ने बतौर मुख्यमंत्री उनके काम की प्रशंसा की थी।
उपचुनावों पर भी भाजपा की नजर
वही जिन जिलों में सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद उपचुनाव होना है। भाजपा चुनाव वाले इन जिलों में अपने हिसाब से प्रशासनिक जमावट करेगी। जौरा और आगर-मालवा में विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, इस कारण यहां भी सारे अफसरों की नए सिरे से जमावट होगी। इसके अलावा एसीएस, पीएस, आयुक्त सहित दो दर्जन से ज्यादा अन्य विभागाध्यक्ष भी बदले जाएंगे। छह से ज्यादा संभागायुक्तों की जिम्मेदारी बदली जा सकती है।
पुलिस विभाग में भी हो सकता है बडा फेरबदल
इसके अलावा पुलिस महकमे में भी भारी फेरबदल होना तय है।कई जिलों के एसपी बदले जा सकते हैंं। इनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, गुना, छिंदवाड़ा, राजगढ़ सहित अन्य प्रमुख जिले शामिल हो सकते है। वही पीएचक्यू में भी प्रशासन-इंटेलीजेंस सहित अन्य अफसरों की जिम्मेदारी बदली जाएगी