रतलाम, सुशील खरे। कोविड-19 कोरोना(Corona) का खतरा अभी बरक़रार है साथ ही अब जिले में एक और टेंसन आ गया स्क्रब टाइफस बीमारी, अब इस से भी सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल, स्क्रब टाइफस एक ऐसी बीमारी है जो पिस्सुओं के काटने से होती है। ये चूहों के माध्यम से ज्यादा फैलती है। दो साल पहले जिले में इस बीमारी के 13 केस सामने आए थे, वहीं एक मरीज की मौत भी हो गई थी। राजस्थान में अब तक स्क्रब टाइफस के 700 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
सिर्फ उदयपुर में 300 से ज्यादा केस हैं तो वहीं, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जयपुर, अजमेर, सवाई माधोपुर में भी केस सामने आ रहे हैं। रतलाम राजस्थान की सीमा से ही लगा है, ऐसे में हमारे क्षेत्र में भी इस बीमारी को लेकर सजग रहने की जरूरत है। इधर, स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अधिकारियेां के मुताबिक सीमा से सटे गांवों में स्प्रे किया गया है। साथ ही लोगों के लक्षणों पर भी नजर रखी जा रही है।
शरीर पर सिगरेट के जले जैसा निशान हो जाता है, स्क्रब टाइफस बीमारी ओरियेंटिया सुटसुगमुशी नामक जीवाणु से होती है। यह एक प्रकार की संक्रमित पिस्सु के काटने से होती है। ये पिस्सु चूहों पर चिपककर एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंच जाते हैं। संक्रमितों के शरीर पर सिगरेट के जले जैसे निशान दिखते है। इसके प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, खून की कमी शामिल है। संक्रमितों को डॉक्सीसाइक्लिन दवा दी जाती है।
मंदसौर में 50 से ज्यादा मरीज मिले थे –
दो साल पहले स्क्रब टाइफस के मंदसौर में 50 से ज्यादा मरीज मिले थे। स्क्रब टाइफस ने रतलाम जिले में भी प्रवेश किया था। बीमारी से जूझते हुए रतलाम में एक मरीज ने दम तोड़ दिया था। वहीं, 13 संक्रमित भी सामने आए थे।
कोविड-19(Corona) के जिला नोडल अधिकारी डॉ प्रमोद प्रजापति ने एमपी ब्रेकिंग को दूरभाष पर बताया की ग्रामीण क्षेत्रों में इस बीमारी के मामले ज्यादा सामने आते हैं। एहतियात के तौर पर स्प्रे करवाया है। यदि कोई भी लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें ऐसे करें बचाव घास वाली जगह, खेत में ना बैठें। हाफ आस्तीन की बजाए पूरे कपड़े पहनकर ही घर से बाहर निकलें। यदि बुखार आता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। अपने आसपास साफ-सफाई रखें। चूहों का घर में प्रवेश रोकें।