बड़ी खबर: व्यापम घोटाले के आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

Kashish Trivedi
Published on -
mppeb vyapam 2022

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में 2012 में हुए व्यापम परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाला (Transport constable recruitment exam scam) में एक नया मोड़ सामने आया है। जांच एजेंसी एसटीएफ (STF) ने सभी आरोपियों को कोर्ट में हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किए थे। इसके बाद एक भी आरोपी अदालत में हाजिर नहीं हुआ। इस मामले में अब कांग्रेस (congress) ने शिवराज सरकार को घेरा है।

दरअसल शुक्रवार को व्यापम (Vyapam) घोटाले से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई की स्पेशल टीम (CBI Special team) ने सभी 18 आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (Arrest warrent) जारी कर दिए हैं। इससे पहले आरोपियों को कोर्ट में हाजिर होने के लिए नोटिस भी जारी किए गए थे। जिसके बाद एक भी आरोपी अदालत में हाजिर नहीं हुआ था।

इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा (K K Mishra) ने ट्वीट (Tweet) करते हुए कहा है कि 2012 में हुए व्यापम महाघोटाले में सीबीआई नोटिस के बाद भी 18 आरोपी गैर हाज़िर रहे हैं। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने कहा कि मैं एक बार फिर कहूंगा कि इन सभी आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज बड़े लेन-देन से नियुक्ति पाई थी। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauahn) पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने कहा कि आपने मुझे 2 साल की सजा जरूर सुनाई थी लेकिन आरोपों पर मैं आज भी कायम हूं।

Read More: लव जिहाद पर सख्त शिवराज सरकार, धर्म स्वातंत्र्य विधेयक में होंगे ये कठिन प्रावधान

हालाकि गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद पांचों आरोपी संजय अलोरिया, कैलाश कुमार नीमोरिया, अनार सिंह, कोमल सिंह और संजय सोलंकी ने अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई है। इन आवेदन पर सुनवाई 12 दिसंबर को होगी। वही अदालत ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी वारंट (Arrest warrent) जारी कर अगली सुनवाई के लिए 18 दिसंबर की तारीख तय की है।

बता दें कि सीबीआई की विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि एसटीएफ (STF) थाने में परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में अनुचित ढंग से चयनित होने वाले अभ्यर्थियों के संबंध में शिकायतों की जांच की गई थी। इस मामले में व्यापमं के अधिकारी कर्मचारी ने घूस लेकर अनेक अभ्यर्थियों को पास करा दिया था।

शिकायत के बाद एसटीएफ ने अपनी जांच शुरू की थी। जहां भोपाल के 327 अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट की जांच में कुल 35 अभ्यर्थियों की सीट में छेड़छाड़ होना पाया गया था। इस मामले में घूस लेकर जबरन इन अभ्यर्थियों को पास किया गया था और ओएमआर सीट में डिजिटल डाटा और सीट से छेड़छाड़ कर अनुचित ढंग से उन्हें पास कर दिया गया था। इस मामले में एसटीएफ ने 26 आरोपियों के खिलाफ पहले ही चालान जारी कर दिया था जबकि अब सीबीआई जांच में 18 नए आरोपी सामने आए हैं।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News