मॉर्निंग वॉक पर निकले भाजपा नेता की घर के सामने चाकू मारकर हत्या, धारा 144 लागू

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट।  केरल में आज रविवार को सुबह भारतीय जनता पार्टी ओबीसी मोर्चा के राज्य सचिव रंजीत श्रीनिवासन की अज्ञात आरोपियों ने चाक़ू मारकर हत्या (Murder of BJP leader Renjith Sreenivasan in Kerala) कर दी। हत्या उस समय की गई जब भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन (BJP leader Renjith Sreenivasan) मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। हत्या के बाद से क्षेत्र में तनाव का माहौल है। क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है।

जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के ओबीसी मोर्चा के राज्य सचिव रंजीत श्रीनिवासन को आज रविवार को सुबह उनके घर के सामने ही आठ हमलावरों ने मारपीट करते हुए चाक़ू मार दिया। आरोपियों ने तब हमला किया जब भाजपा नेता मॉर्निंग वॉक पर निकले थे और अकेले थे। चाकू मरने के बाद आरोपी भाग गए, और अस्पताल ले जाते समय भाजपा नेता की मौत हो गई।

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केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन (Kerala BJP state president K Surendran) ने हत्या की पुष्टि करते हुए हत्या का आरोप PFI पर लगाया है। के सुरेंद्रन ने ओबीसी मोर्चा के प्रदेश सचिव एडवोकेट रंजीत श्रीनिवासन की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की।  उन्होंने बताया कि रंजीत ने 2016 में बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। पीएफआई ने पिछले दो महीनों में बीजेपी-आरएसएस के तीन नेताओं की हत्या कर दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केरल में कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है।

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वरिष्ठ भाजपा नेता की हत्या के बाद से क्षेत्र में तनाव और दहशत का माहौल है, गौरतलब है कि इससे पहले सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (SDPI) के राज्य सचिव शान केएस की शनिवार रात अज्ञात हमलावरों ने चाकू मारकर हत्या कर दी। घटना के समय शान केएस स्कूटर से आ रहे थे। हमलावरों ने उन्हें टक्कर मारकर गिरा दिया और फिर चाकू से कई वार किये , अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। केरल के अलझुप्पा में 12 घंटे में ये दूसरे बड़े नेता की हत्या के बाद से सनसनी है। प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लगा दी है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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