उपचुनाव: जयवर्धन का सवाल-विधायक ही बनना था तो इस्तीफा क्यों, सही है पैसा बोलता है

Pooja Khodani
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। जैसे जैसे उपचुनावों (BY-election) की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे सियासी पारा भी गर्माता जा रहा है। एमपी की महाभारत में उपचुनावों को लेकर जमकर जुबानी जंग चल रही है। अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह (Congress MLA Jayawardhan Singh)  का बड़ा बयान सामने आया है। जयवर्धन का कहना है कि विधायक ही बनना था तो विधायक पद से इस्तीफा क्यों दिया। इस्तीफा दे ही दिया है तो फिर विधायक क्यों बनना।विधायक के इस बयान से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है वही बीजेपी में भी खलबली है।

दरअसल, राघौगढ़ से कांग्रेस विधायक और कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे जयवर्धन ने अपने ट्वीट हैंडलर पर हाल ही में जनसंपर्क के दौरान महिलाओं के विरोध का शिकार हुए पूर्व विधायक नारायण पटेल (Former MLA Narayan Patel) का वीडियो शेयर किया है और लिखा है कि क्या नेता, क्या अभिनेता, दे जनता को जो धोखा ,पल में शोहरत उड़ जाये, ज्यों एक पवन का झौंका। ऐ बाबू ये पब्लिक है पब्लिक,ये जो पब्लिक है सब जानती है, पब्लिक है..

वही अगले ट्वीट में जयवर्धन ने लिखा है कि विधायक ही बनना था तो विधायक पद से इस्तीफा क्यों दिया। इस्तीफा दे ही दिया है तो फिर विधायक क्यों बनना। यही सब चलता रहा तो फिर जनता के वोट का मतलब क्या है, नोट लीजिये और पाला बदल लीजिये। कल तक जो बेईमान था आज वो आपके लिये राजा हरिश्चन्द्र है, सही है पैसा बोलता है।

बता दे कि बीते दिनों कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक नारायण पटेल (Former MLA Narayan Patel) रविवार को जब पामाखेड़ी में लोगों से आशीर्वाद लेने पहुंचे तो वहां गांव की महिलाओं ने उन्हें घेर लिया और जमकर खरी-खोटी सुनाई। इतना ही नही वह चिल्लाते रहे कि पहले आपने कमलनाथ (Kamalnath) को चुना था अब शिवराज (Shivraj) मामा को चुनो।इस बात पर महिलाएं भड़क और उन्हें उल्टे पैर ही वापस लौटना पड़ा।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News