भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) में उपचुनाव (By-election) के नतीजे के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet expansion) की चर्चा तेज हो गई है लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी मंत्रिमंडल विस्तार के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि पार्टी इसका कारण कुछ भी दे लेकिन मंत्री पद से लेकर कार्यकारिणी तक बीजेपी के पास उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त कहीं ना कहीं इसका बड़ा कारण है। इसी बीच प्रदेश कार्यकारिणी में नियुक्तियां अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी साफ कर दिया है कि अभी मंत्रिमंडल विस्तार नहीं किया जाएगा।
दरअसल उपचुनाव में बंपर जीत हासिल करने के बाद चर्चा यह है कि केंद्र ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) को फ्री हैंड (free hand) दे दिया है। जिसके बाद सीएम शिवराज (CM Shivraj) मंत्रिमंडल विस्तार के मूड में नहीं है। सीएम शिवराज ने साफ कर दिया है कि समय आने पर मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा। अभी इसकी कोई जल्दीबाज़ी नहीं है। वहीं शिवराज सिंह चौहान के इस बयान से दावेदारों में बेचैनी देखने को मिल रही है।
यह माना जा रहा है कि इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश कार्यकारिणी में भाजपा के सीनियर नेताओं (Senior Leaders) को फाइनल करना चाहते हैं। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को व्यवस्थित किया जाना पार्टी हाईकमान के लिए सबसे बड़ा मुद्दा होगा। मोदी मंत्रिमंडल (Modi Cabinet) में ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाना या संगठन में कोई महत्वपूर्ण पद इस पर भी अभी तक फैसला नहीं हो पाया है।
Read More: MP Politics: इमरती देवी का बड़ा बयान- मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है अब…
इसके बावजूद सिंधिया चाहते हैं कि उनके समर्थक विधायक मनोज चौधरी, रक्षा संतराम जैसे लोगों को संगठन में उचित पद दिया जाए जबकि बीजेपी (BJP) के पास उनके पुराने दावेदार की एक लंबी फेहरिस्त भी मौजूद है। ऐसे में बीजेपी के लिए भी चिंता का एक बड़ा कारण बनी हुई है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) ने प्रदेश कार्यकारिणी के नाम लगभग फाइनल कर लिए हैं। लेकिन इसकी घोषणा कब की जाएगी यह अभी भी एक बड़ा सवाल है।
Read More: पूर्व मंत्री को मिल सकता है भाजपा की जीत का तोहफ़ा, सीएम ने दिए संकेत
इधर मंत्रिमंडल विस्तार की बात करें तो शिवराज मंत्रिमंडल में छह विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है जिसमें दो नाम पहले से ही निश्चित है। गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) और तुलसी सिलावट (Tulsi Silawat) को पद मिलना तय है। इसके बाद 4 पदों पर दावेदार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए चिंता का विषय होंगे। शिवराज सिंह चौहान सबसे पहले पार्टी के वरिष्ठ को कैबिनेट में जगह देने पर विचार करेंगे। वही सीताशरण शर्मा(Sitasharan sharma), रामेश्वर शर्मा(Rameshwar sharma), अजय विश्नोई(Ajay vishnoi), संजय पाठक(sanjay pathak), गौरीशंकर बिसेन ऐसे नाम है जिनको पार्टी संगठन को सम्मानित पदों पर एडजस्ट करना है।
इसलिए एक तरफ जहां बहुमत हासिल कर सरकार में वापसी करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास पावर (Power) बढ़ गए है। वहीं दूसरी तरफ हर पदों पर उम्मीदवारों की लंबी लिस्ट सीएम शिवराज के लिए चिंता का सबसे प्रमुख कारण है। अब ऐसे में किसके नाम पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति बनती है और किस नाम को बाहर रखा जाता है। यह देखना दिलचस्प है। हालांकि अभी तो कार्यकारणी नियुक्तियां और मंत्रिमंडल विस्तार दोनों स्थगित होने की पूरी उम्मीद है।