इंदौर में चक्का जाम फेल, किसानों ने नारेबाजी कर जताया विरोध, सौंपा ज्ञापन

Atul Saxena
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट।  देशभर में शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच नेशनल और स्टेट हाइवे पर चक्का जाम (Chakka jam) विरोध करने के दावे किए गए है हालांकि कही चक्का जाम (Chakka jam) का व्यापक असर देखा गया तो कही पर जाम केवल नाम का ही रहा। इंदौर में तो नेशनल हाईवे – 3 जो कि एबी रोड़ के नाम से जाना जाता है। जहां राउ स्थित पिग्डम्बर में मुट्ठीभर किसानों ने राष्ट्रपति किसान मजदूर महासंघ की इंदौर इकाई के बैनर तले कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी की। वही 3 बजे के पहले ही चंद लोगो की मौजूदगी में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद एसडीएम को ज्ञापन सौंप दिया गया।

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के संभागीय अध्यक्ष जगदीश ठाकुर ने बताया कि प्रशासन ने किसानों से अनुरोध किया था जिसे मानते हुए किसानों ने विरोध को प्रतीकात्मक तौर पर रखा और चक्का जाम (Chakka jam) को भी प्रतीकात्मक रखा गया ताकि लोगो को परेशानी न हो। वही उन्होंने बताया कि प्रशासन की बात मानते हुए किसानों ने निर्णय लिया और उसी के अनुरूप विरोध जताया गया। ठाकुर ने कहा कि वो केंद्र की मोदी सरकार द्वारा थोपे गए कृषि कानूनों का विरोध करते है और यदि जल्द ही संयुक्त किसान मोर्चा की मांग नही मानी गई तो इंदौर में भी वृहद स्तर पर विरोध किया जाएगा।

बता दे कि पूर्व में चक्का जाम (Chakka jam)की घोषणा करने के बाद प्रशासन और पुलिस की टीम पूरे बल के साथ मौके पर मौजूद थी। वही एसडीएम प्रतुल सिन्हा ने बताया कि प्रशासन ने किसानों से आग्रह किया था और किसानों ने उसे मानकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर ज्ञापन दिया है।

फिलहाल, इंदौर में चक्का जाम के जरिये बड़े विरोध का एलान तो किया गया था लेकिन आखिरकार किसानो का विरोध प्रदर्शन चक्काजाम की बजाय नाम तक ही सीमित रह गया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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