छतरपुर।
21 दिन के देशव्यापी लॉक डाउन के बीच जहां केंद्र एवं राज्य सरकारें लोगों से अपील कर रही है कि वह सोशल डिस्टेंस को मेंटेन करें। इसी बीच पुलिस प्रशासन का एक लापरवाह रवैया छतरपुर में सामने आया है। जहाँ गुरुवार शाम पुलिस ने नुक्कड़ नाटकों का मंचन कर एक कोरोनो वायरस जागरूकता अभियान चलाया।वहां मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) भी मौजूद थे क्योंकि लोगों द्वारा सामाजिक डिस्टेंस को नजरअंदाज कर दिया और उत्साही पुलिस द्वारा आयोजित नाटक को देखने के लिए लोग इकट्ठा हुए।
दरअसल मामला छतरपुर शहर का है। जहां गुरुवार की शाम को पुलिस प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता अभियान के लिए नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया गया। यह नाटक शाम को मुख्य चौक बाजार और इसके पड़ोसी क्षेत्रों में एक घंटे से अधिक समय तक चला। कुछ स्थानीय कलाकारों, ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पत्रकारों ने बस स्टैंड से लेकर शहर के डाकघर तक कई स्थानों पर मंचित नाटकों में कोरोना और राक्षसों की सेना का अभिनय किया। एक स्थानीय पुलिस वाले ने रावण की भूमिका निभाई, जो दानव राजा था और कोरोनोवायरस का चित्रण करता था। वहीँ लोगों ने इकट्ठे होकर गाना गाया। इस अवसर को शूट करने के लिए टीवी पत्रकारों और दर्शकों को मोबाइल कैमरों पर स्विच किया गया।
जिसके बाद कुछ स्थानीय लोगों द्वारा तमाशा पर आश्चर्य व्यक्त किया। 65 वर्षीय बृजभूषण बाजपेयी और स्थानीय व्यापारी ने पूछा कि इसमें सामाजिक भेद कहाँ है। क्या यह लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं है। लेकिन शहर के पुलिस अधीक्षक उमेश शुक्ला को कुछ भी गलत नहीं लगा।उन्होंने कहा कि यह रैली नहीं है। यह नुक्कड़ नाटक है और लोग इसे अपने घरों से देखते हैं। जो लोग बाहर आए उन्होंने सामाजिक दूरी बनाए रखी। हालांकि जिला कलेक्टर सेलेन्द्र सिंह इससे खुश नहीं हैं। उन्होंने बताया कि मैंने इस पर आपत्ति जताई है और पुलिस अधीक्षक से कहा है कि इस तरह की हरकत को दोहराया न जाए।