सीएम शिवराज की JEE-NEET के छात्रों के लिए सौगात,दी जाएगी नि:शुल्क परिवहन सुविधा

Gaurav Sharma
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। देश भर में JEE-NEET के एग्जाम को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है, जहां केंद्र सरकार (central government)  इसको रद्द(Canceled)  करने के मूड़ में नजर नहीं आ रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष (opposition) इसको सरकार का खराब फैसला बता रही है। वहीं मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान (Madhya pradesh chief minister shivraj singh chouhan) ने प्रदेश के उन छात्रों के लिए जरुरी कल्याणकारी निर्णय लिया है, जो इस साल JEE-NEET 2020 का परिक्षा देने वाले है।

इन विद्यार्थियों को कोरोना के कारण समस्या न हो, इस उद्देश्य से आने-जाने का नि:शुल्क परिवहन साधन उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए परीक्षार्थी को 181 या मध्य प्रदेश ई-पास पोर्टल https/mapit.gov.in/covid-19 पर संपर्क कर रजिस्टर करना होगा। इस प्रक्रिया में विद्यार्थियों को नाम, पता, मोबाइल नंबर, परीक्षा की दिनांक और स्थान (कहां से कहां) उल्लेख करना होगा। संबंधित जिला प्रशासन परीक्षार्थी को यह सुविधा उपलब्ध करवाएगा।

परीक्षार्थी अगर चाहे तो उसके एक सहयोगी को भी परीक्षा केंद्र तक आने-जाने के लिए दो तरफ की नि:शुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। विद्यार्थियों को यह सुविधा प्राप्त करने के लिए विकासखंड और जिला मुख्यालय में उपस्थित होना होगा। यहां से परीक्षा केंद्र तक आने-जाने के लिए सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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