भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। त्यौहार (Festival) में कोविड-19 (Covid-19) के नियमों (Rules) को दरकिनार कर की गई शॉपिंग (Shopping) के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। इसको लेकर अब सरकार (Government) भी सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने आज 3:00 बजे आला अधिकारियों (Officers) की बैठक बुलाई है।
बैठक में कोरोना (Corona) से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने पर विचार किया जा सकता है। इसके तहत रात 8:00 बजे के बाद दुकाने व व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करने, सरकारी व निजी कार्यालयों में 50 फ़ीसदी उपस्थिति के साथ ही रविवार को दुकानें व व्यापारी संस्थान बंद करने पर विचार किया जा सकता है। साथ ही फिर से कंटेनमेंट जोन (Containment Zone) बनाने का निर्णय लिया जा सकता है।
इसको लेकर गुरुवार मंत्रालय (Ministry) में आला अधिकारियों की बैठक भी हुई। अधिकांश अधिकारियों का मत था कि कोरोना की गाइडलाइंस (Guidelines) का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। रात्रिकालीन कर्फ्यू या दुकानें बंद करने से कोई ज्यादा फायदा नहीं होगा। अधिकारियों का कहना था कि बड़ी मुश्किल से बाजार की स्थिति में सुधार आया है। इस कारण अब इसे बंद करने पर विचार नहीं करना चाहिए। मास्क ना लगाने पर जुर्माने की राशि बढ़ाने पर जरूर अधिकारियों ने सहमति बनाई है। शुक्रवार दोपहर 3:00 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के साथ होने वाली बैठक के लिए अधिकारियों ने दो अलग-अलग तरह के प्लान बनाए हैं। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है लेकिन इतना तय है कि अब लॉकडाउन (Lock Down) नहीं होगा, हालांकि आखरी फैसला सरकार को लेना है।
कोरोना संक्रमण की ग्रोथ रेट एक तरफ जहां पूरे प्रदेश में 5 फ़ीसदी पर है वही भोपाल (Bhopal) में यह 10 फीसदी को छू रही है। गुरुवार को भोपाल में कोरोना के कुल 3400 सैंपल जांचे गए, इनमें से 381 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि नवंबर (November) के पहले अक्टूबर (October) के महीने में दर 2 से 3 फ़ीसदी पर चल रही थी। अचानक आए इस उछाल में लोगों की लापरवाही को सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि नवंबर आते ही एक बार फिर कोरोना की रफ्तार तेज हो चली है। पिछले 24 घंटे में 1363 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार नए मरीजों की पुष्टि होने के बाद अब प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1 लाख 88 हजार 18 हो गई। वही 14 मरीजों की उपचार के दौरान मौत हो गई, मध्यप्रदेश में अब तक 3129 मरीजों की मौत हो चुकी है