इस मामले में आमने-सामने आई पंजाब और MP सरकार, शिवराज ने कहा – मामला राजनीति से प्रेरित

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट

मध्य प्रदेश के बासमती चावल की जीआई टैगिंग को लेकर अब दो प्रदेशों की सरकार आमने-सामने है। दरअसल प्रदेश के बासमती चावल को जी आई टेकिंग दिलाने की मांग पंजाब सरकार ने आपत्ति जताई है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि इसे अंतर्देशीय फायदा होगा और पाकिस्तान को इसका लाभ मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे कांग्रेस की राजनीति करार दिया है।

दरअसल मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैगिंग में शामिल किए जाने को लेकर अब विवाद बढ़ गया है। एक तरफ जहां पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने इस मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आखिर पंजाब सरकार को मध्य प्रदेश के किसान बंधुओं से क्या परेशानी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि यह पंजाबी मध्यप्रदेश का मामला नहीं बल्कि पूरे देश के किसान एवं उनकी आजीविका का विषय भी है। गुरुवार को ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बासमती चावल के अंतर्देशीय दावों का कोई संबंध नहीं है। मुख्यमंत्री चौहान ने दावा किया है कि पंजाब और हरियाणा के किसान मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं। इस बात की पुष्टि केंद्र सरकार के आंकड़े ही करते हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ राइस रिसर्च हैदराबाद ने अपने उत्पादन उन्मुख सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी कहा है कि मध्यप्रदेश पिछले 25 वर्ष से बासमती चावल का उत्पादन कर रहा है।

वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पंजाब सरकार के सारे दावे बेबुनियाद है और यह राजनीति से प्रेरित लगते हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश को मिलने वाली जी आई टैगिंग में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बासमती चावल को स्थिरता मिलेगी और निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।

 


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