भोपाल। लॉकडाउन के बीच प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीदी को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। एक तरफ लॉकडाउन के कारण किसानों को फसल की कटाई और अन्य काम के लिये मजदूर नहीं मिल रहे हैं, वहीं बिगड़ते मौसम के कारण खेतों में खड़ी फसलों के बर्बाद होने की आशंका और बढ़ गई है।
हालांकि सरकार का कहना है कि एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू की जा सकती है लेकिन इसके लिये पहले स्थिति का जायज़ा लेना होगा। प्रत्येक जिले के कलेक्टर द्वारा रिपोर्ट दिए जाने के बाद ही उपार्जन केंद्र खोले जा सकेंगे। इसके लिये खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों से उपार्जन केंद्रों को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। यदि लॉकडाउन के बीच एक अप्रैल से उपार्जन केंद्र खोले जाते हैं तो कलेक्टर द्वारा ये सुनिश्चित किया जाना होगा कि वहां सारे संसाधन उपबल्ध होंगे या नहीं। संसाधनों के साथ ही लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिग के साथ अन्य आवश्यक निर्देशों का पालन कराया जाना भी एक बड़ी जिम्मेदारी होगी। लेकिन इसे लेकर शासन और प्रशासन को कोई ठोस निर्णय जल्द ही लेना होगा क्योंकि प्रदेश के एक करोड़ 11 लाख से ज्यादा किसानों की फसलें अब भी खेतों में खड़ी है और इस दौरान लगातार मौसम बिगड़ने के कारण किसानों की मुसीबत कई गुना बढ़ गई है।