इंदौर/स्पेशल डेस्क रिपोर्ट
इंदौर में सोमवार को कोरोना के कहर के बीच देश की पहली शादी हुई है जिसमें बकायदा कोविड- 19 के निर्देशों का पालन कर दूल्हा- दुल्हन विवाह के बंधन में बंध गए। दरअसल, ये विवाह इस समय इसलिए किया गया क्योंकि जैन धर्म की मान्यतानुसार एक बार यदि लग्न भेज दिए जाएं तो विवाह तय दिन पर ही होता है, फिर चाहे परिवार में कोई गमी ही क्यों ना हो जाये।
इंदौर का ये अनूठा विवाह रेडीमेड कपड़ा व्यवसायी अक्षय जैन के घर पर संपन्न हुआ। बता दे कि व्यवसायी की बेटी किंजल और मुम्बई में सेंट्रल गवर्मेन्ट में कार्यरत एप्पील ओरा के विवाह में कुछ रुकावटें तो आई लेकिन लग्न परम्परा के चलते आखिर में प्रशासन और देश की सरकार के निर्देशों का पालन कर विवाह संपन्न हो ही गया।
इस विवाह में ना तो गाजे-बाजे थे ना महिला संगीत हुआ और ना ही बड़ी संख्या में रिश्तेदारों की मौजूदगी थी। विवाह में दूल्हा और दुल्हन के साथ महज 8 लोग शामिल हुए। पिता ने जैन धर्म की मान्यता से परिणय गृहस्थ संस्कार दीक्षा के साथ बेटी को विदाई दी और विदाई के बाद बाकायदा प्रशासनिक अनुमति के साथ दूल्हा अपनी दुल्हन को अपने पैतृक गांव बड़नगर ले गया। दुल्हन के पिता अक्षय जैन ने बताया कि उन्होने आचार्य नवरत्नसागर जी महाराज से 17 वर्ष पूर्व अपने बच्चों का परिणय जैन विधान से करने और दिन के लग्न करने का नियम संकल्प लिया था, जिन्हे उसी परिकल्पना से पूर्ण किया। इधर, दूल्हे एप्पील ओरा ने बताया कि विवाह नियत दिन पर ही होना था और इसे टाला नही जा सकता था, ऐसे में दोनों पक्षों के कुछ लोगो की मौजूदगी में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने सहित सेनेटाइजर का उपयोग कर विवाह संपन्न हुआ है। वही दुल्हन किंजल ने बताया कि शादी के अरमान तो बहुत थे लेकिन कोरोना वायरस की महामारी के चलते चंद लोगों की मौजूदगी में विवाह किया गया। दुल्हन ने इंदौर सहित देशवासियों से अपील की है कि लोग संकट की घड़ी में अपने घर पर रहें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। लॉक डाउन के दौरान संपन्न हुए विवाह में परिजन उतना जश्न तो नही मना पाए लेकिन मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर उन्होंने जता दिया कि कोरोना को हर हाल में हराना है।