मेडिकल कालेज में कार्यरत नर्स की मौत, शहीद की तरह निकाली अंतिम यात्रा

Gaurav Sharma
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जबलपुर,संदीप कुमार। कोरोना महामारी (Corona epidemic) के बीच लगातार मौत का सिलसिला (Continuation of death) जारी है और प्रशासन है कि इस महामारी को रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है,आज कोरोना वॉरियर्स नर्स (Corona Warriors Nurse) की कोविड से मौत (Death from covid) हो गई, मृतक नर्स मेडिकल कॉलेज (Medical college) के कोविड-19 वार्ड (covid-19 Ward) में अपनी सेवाएं दे रही थी और बीते कुछ दिनों पहले ही उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) आई, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। आज सुबह 40 वर्षीय कोरोना वॉरियर्स (40-year-old Corona Warriors) की मौत हो गई।

शहीद की तरह निकाली अंतिम यात्रा

मेडिकल कालेज में पदस्थ साथी नर्सों को जैसे ही पता चला कि उनके साथ में काम करने वाली 40 वर्षीय नर्स की मौत की जैसे ही खबर लगी तो सारा मेडिकल कॉलेज गमगीन हो गया। अचानक से ही उनके साथी में नर्स की मौत (Nurse’s death) हो जाने के बाद से सभी नर्सों ने अब काम बंद कर हड़ताल कर दी है। मेडिकल कालेज में पदस्थ नर्सों ने राज्य सरकार (State government) से मांग की है कि मृतक नर्स को सम्मान पत्र के साथ 50 लाख रु का मुआवजा दिया जाए, इसके साथ ही राज्य सरकार के लिए काम कर रही नर्सों का बीमा (Nurses insurance) करवाएं।

मेडिकल कालेज से चोहानी श्मशानघाट तक निकाली गई अंतिम यात्रा

कोरोना से खत्म हुई 40 वर्षीय नर्स की जब अंतिम यात्रा निकाली तो पूरा मेडिकल स्टाफ (medical staff) एकत्रित हो गया। हालांकि कोविड की गाइडलाइन (covid’s Guideline) को देखते हुए जबलपुर प्रशासन (Jabalpur Administration) ने ज्यादा लोगों को अंतिम यात्रा में शामिल नहीं होने दिया। कोरोना वॉरियर्स की अंतिम यात्रा (Last rite to Corona Warriors) मेडकिल कालेज से चोहानी शमशान घाट (Chohani Crematorium) तक शहीद (martyr) की तरह निकाली गई।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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