भोपाल।
दीपक बावरिया ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी हाईकमान ने उनका इस्तीफा भी मंजूर कर लिया गया है। कांग्रेस पार्टी ने उनकी जगह मुकुल वासनिक को मध्यप्रदेश कांग्रेस का कार्यवाहक प्रभार सौंपा है। फिलहाल वासनिक केरल , तमिलनाडु और पंडुचेरी का प्रभार संभाले हुए है। इस्तीफे में बावरिया ने अपनी बीमारी का हवाला दिया है। पार्टी ने उनके अबतक के योगदान के लिए आभार जताया है। लेकिन सुत्रों की माने तो सिंधिया से नजदीकियों के चलते बावरिया को हटाया गया है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं में गलत मैसेज ना जाए इसलिए उनसे इस्तीफा देने को कहा गया।
बता दे कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बावरिया को प्रदेश प्रभारी बनाकर एमपी भेजा गया था।बावरिया को राहुल गांधी का खास माना जाता है।चुनाव प्रभारी बनने से पहले आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव दीपक बाबरिया को कई मौकों पर राहुल गांधी के साथ देखा जाता रहा था। महासचिव बनने तक दीपक बाबरिया जाना-पहचाना नाम नहीं थे लेकिन प्रदेश में आते ही वे सुर्खियों में आ गए थे। लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस में प्रदेश संगठन में बदलाव की मांग उठी थी। खबर थी कि बावरिया इस्तीफा दे सकते है लेकिन नही दिया हालांकि बीच बीच में उनके बयान सियासी गलियारों में कांग्रेस की जमकर किरकिरी करवाते रहे। वही हाल ही में जब कमलनाथ सरकार पर संकट गहराया था तब उनकी सिंधिया से नजदीकियों की चर्चाएं जोरों पर रही।कई बार उन्होंने सिंधिया के समर्थन मे बयान दिया था।वही सिंधिया के बीजेपी का दामन थामने के बाद भी बावरिया की उनसे नजदीकियों की खबरें हाईकमान तक पहुंची थी। बताया जा रहा है इन्ही सब दवाबों के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
कौन हैं मुकुल वासनिक?
मुकुल वासनिक महाराष्ट्र से कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से एक रहे हैं। मुकुल वासनिक कांग्रेस के बड़े नेता और तीन बार के सांसद बालकृष्णा वासनिक के बेटे हैं। बालकृष्ण वासनिक कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से रहे हैं। वह महाराष्ट्र के बुलढाना से सिर्फ 28 साल की उम्र में लोकसभा सांसद चुने गए थे।
मुकुल वासनिक ने कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे रखी हैं और वह कांग्रेस पार्टी के एक जाने माने चेहरा हैं। उन्होंने बेहद ही छोटी से आयु में राजनीति में कदम रखा था और आज वह एक प्रसिद्ध नेता के तौर पर जाने जाते हैं। मुकुल वासनिक लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं। मुकुल वासनिक तीन बार सांसद रहे चुके हैं। वह पहली बार 1984-1989 में लोकसभा के सांसद बने थे। इसके बाद इन्होंने साल 10 वीं और 12 वीं लोकसभा का चुनाव लड़ा था और जीतकर फिर से सांसद बनें थे।