देवास।
एक और जहां प्रदेश में कोरोना महामारी(corona pandemic) का संक्रमण तेज है। वहीं दूसरी ओर अपराधी मानसिकता वाले लोगों के अपराधों में वृद्धि हो रही है। आए दिन अपराधों के नए-नए खबर सामने आ रहे हैं। इसी बीच देवास जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां देवास के टप्पा सुकल्या में दो बेटियों द्वारा अपने पिता को ही मौत के घाट उतार देने का मामला सामने आया है। वही उन पर हत्या को आत्महत्या में बदलकर साक्ष्य छुपाने का भी आरोप है। जिसके बाद पुलिस(police) ने दोनों के खिलाफ एफआईआर(FIR) दर्ज कर बेटी को देवास जेल भेज दिया है। जबकि नाबालिग बहन को विदिशा भेजा गया है।
दरअसल मामला 24 अप्रैल की रात्रि 10: 30 बजे का है। जब दोनों बहनों की मदद से करीब 1:00 बजे दयाराम को शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हाटपिपलिया लाया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। दोनों बेटियों से पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि उनके पिता शराब के नशे में थे और फांसी लगाने की कोशिश की थी। जिसके कारण उनके सर पर बुरी तरह चोट आ गई थी। हालांकि दयाराम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि उनकी पीठ पर किसी जलती हुई वस्तु के निशान गले में फंदे के निशान और सिर पर गंभीर चोटें थी। जिसके बाद पुलिस उस जगह पर पहुंची जहां दयाराम ने फांसी लगाने की कोशिश की थी। कई तरह के संदेहास्पद गतिविधियां देखने के बाद पुलिस को दोनों बेटियों पर शंका हुई।
बता दे कि दयाराम की बड़ी बेटी मोनिका एलएलबी की पढ़ाई कर रही है। जब पुलिस ने सख्ती से उन दोनों से पूछताछ की तो उन दोनों ने अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया कि उनके पिता शराब पीकर झगड़ा करते थे और उन पर शंका करते थे। जिसके बाद उनके द्वारा अपने पिता पर चूल्हे की जल्दी लकड़ी से वार किया गया और फिर उन्हीं के गमछे से दोनों बेटियों ने अपने पिता को फांसी लगा दी। जिसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ साक्ष्य छुपाने एवं हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। वही बेटी मोनिका को देवास जेल भेज दिया गया है जबकि नाबालिग बहन को विदिशा भेजा गया है। वहीं जांच में 2 सप्ताह की देरी एवं लापरवाही बरतने के कारण थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया गया।