Dowry Case- मांगे पूरी नहीं होने पर आरक्षक ने दी शादी तोड़ने की धमकी

Gaurav Sharma
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उज्जैन,डेस्क रिपोर्ट। भारतीय पुलिस सेवा का गठन समाज की सेवा और उसके उत्थान के लिए किया गया है। समाज में हो रहे अपराधों पर पुलिस पैनी नजर बनाए रखती है और उन्हें कम करने की कोशिश लगातार करती रहती है। लेकिन क्या हो अगर पुलिस में पदस्थ आरक्षक ही दहेज (Dowry) जैसे सामाजिक अपराध को हवा दे। जी हां एक मामला उज्जैन (Ujjain) से आया है, जहां एक आरक्षक के विरुद्ध लड़की वालों ने दहेज (Dowry) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। दहेज (Dowry) में 5 लाख रुपए और बुलेट की मांग पूरी नहीं होने के चलते उज्जैन महाकाल थाना में पदस्थ आरक्षक ने शादी तोड़ने की धमकी दे दी, जिसके बाद लड़की के परिजनों ने भोपाल सीएम कार्यालय में आरक्षक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

दरअसल उज्जैन जिले के  झांसी ग्राम सिमिलिया कोछा के रहने वाले भगवानदास अहिरवार ने अपनी बेटी रीना कुमारी की शादी उज्जैन के ही नानाखेड़ा बस स्टैंड के रहने वाले संदीप कुमार से तय की थी। दोनों की शादी साल 2020 के अप्रैल महीने की 20 तारीख को होने वाली थी। लेकिन कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से दोनों की शादी नहीं हो पाई।  संदीप कुमार उज्जैन के महाकाल थाना में आरक्षक के पद पर कार्यरत है। लड़की के परिजनों का आरोप है कि सगाई और तिलक के समय वह आरक्षक पर पहले ही 10 लाख रुपए तक खर्च कर चुके हैं।

बता दें कि  4 फरवरी 2019 में हुए तिलक में 2.50 लाख रुपए दिए गए। वहीं साल 2020 दिसंबर को 8 लाख रुपए लड़के वालों को दिए गए। इसके साथ ही 20 ग्राम की सोने की चैन, 50 ग्राम का लॉकेट, सोने की दो अंगूठी भी दी गई है। लेकिन इतना सब मिलने के बावजूद भी लड़के वालों की मांग कम होने का नाम नहीं ले रही है।पूरे मामले को लेकर भोपाल के एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल का कहना है कि परिजनों की शिकायत पर तुरंत ही मामले को सीएम कार्यालय द्वारा संज्ञान में लिया गया है। इसके साथ ही उज्जैन एसपी को भी एक पत्र जारी किया गया है जिसमें जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच के उपरांत मामले की कार्रवाई की जाएगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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