मंदसौर, तरुण राठौर
एक ओर जहां कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। जिससे लोग डरे हुए। तो वहीं दूसरी ओर बरसात की लंबी खेच ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीर बड़ा दी है। क्योंकि पूरे सावन बरसात नहीं हुई है। जिसकी वजह से तालाब व जमीन के पानी का लेवल काफी नीचे पहुंच गया है। जिससे वह बहुत जल्द सुख जाएगे। यदि ये सुख जाते है तो किसानों का यह आखरी आश भी टूट जाएगी। और इसी लिए अब किसान तो किसान सामान्य लोग भी इंद्र देवता को मनाने में लगे है। इसके लिए वह उज्जैनी मना रहे है।
पर इसके बाद भी अभी तक खाली बुदा बाधि ही हुई है। यदि अब भी तेज बरखा नही होती है। तो जिले में अकाल जैसी स्थित निर्मित हो जाएगी। जबकि किसानों इस इस बार अच्छी बरसात होने की कल्पना के चलते पहले ही खेत जोत दिए थे। परंतु बारिश की इतनी लंबी खेच ने उनकी इस उम्मीद पर पानी फेरते हुए अब वह फसले सूखने लगी है। जिससे किसान तालाबो व कुए के जरिये सिचाई करके बचाने की कोशिश कर रहे है। जो अब सूखने की कगार पर पहुंच गए।