अशोकनगर|हितेंद्र बुधौलिया| बीते साल अशोकनगर शहर में नई जलावर्धन योजना शुरू होने से 57 साल पुराने पंप हाउस को बंद कर दिया था।अब नगर पालिका करीब 60 लाख रु खर्च कर उसी पुराने इंटेकवेल को चालू करने का काम करने बाली है।बन्द हो चुकी इस परियोजना को दोबारा शुरू करने से करीब 35 हजार क्युविक लीटर अतिरिक्त पानी शहर को मिलेगा जिसके शहर में पानी के प्रेशर की समस्या तो खत्म होगी ही साथ ही कुछ नये स्थानों पर भी पानी पहुचाया जा सकेगा।यह दावा है अशोकनगर नगरपालिका के CMO पी के सिंह का। जिन्होंने आज अशोकनगर के पूर्व विधायक जजपाल सिंह जज्जी के साथ फिल्टर प्लांट का निरीक्षण किया एवं पत्रकारों को पेयजल के लिये किये जाने बालो कार्यो के बारे में बताया।
करीब डेढ़ साल से प्रभारी CMO के भरोसे चल रही नगरपालिका में प्रबन्धन की भारी चुके एवं लापरवाही सामने आती रही है।जिसमे से एक पुराने इंटैक वेल को बंद करने की रही है।च करीब 25 करोड़ की लागत की पुरानी पेयजल परियोजना बन्द पड़ी थी।जिसका खामियाजा साल भर तक शहर के लोगो ने भोगा ,पानी की कमी का बहना बता कर शहर की कई बस्तियों को पेयजल के लिये परेशानी में रखा गया।नये सीएमओ पी के सिंह ने पूर्व विधायक जजपाल सिंह जज्जी की पहल पर कुछ राशि स्वीकृत कर पुरानी पाइप लाइन को सही करने एवं पम्प हाउस को चालू करने का काम शुरू कराया है। पूर्व विधायक श्री जज्जी का कहना है कि जिस पुरानी लाइन को सही करके करीब 35 हजार क्युविक लीटर पानी शहर में ले जाने की कोशिस कर रहे है अगर उसे नये सिरे से बनाया जाता तो करीब 25 करोड़ की लागत लगती नगर पालिका ने पहली अभी करीब 60 लाख की राशि इस योजना की मरम्मत के लिये शुरू की है।जिसमे पम्प सही करने सहित एवं अन्य सुविधाएं जुटाई जाएगी।कुछ स्थानों पर फूटी पाइप लाइन को सही करने के बाद दीपाबली के पहले इस पुरानी पाइप लाइन से भी पांव शहर में पहुचने लगेगा ।अभी नई पाइप लाइन से करीब 40 हजार क्युविक लीटर पानी शहर में आता है।पुरानी पाइप लाइन से 30 हजार क्युविक लीटर पानी शहर में आने की संभावना है।श्री जज्जी ने बताया कि इससे त्रिकोकपुरी, नये बसस्टेंड के पास,मंदसौर मिल क्षेत्र एवं अन्य स्थानों पर जहाँ पाइप लाइन नही है।वहा लाइन डाल कर पानी पहुचाया जा सकेगा। सीएमओ पी के सिंह ने बताया कि बर्ष 1963 में शहर की पेयजल की के लिये करीब 15 हजार लोगों को पानी की जरूरत के हिसाब से परियोजना बनाई गई थी। शहर की बढ़ती आबादी और क्षेत्रफल लगातार बढ़ते गये तो कुछ बर्ष पहले नई परियोजना से पानी शुरू हो गया मगर इनमे इसके बाद भी पानी की मांग पूरी नही हो सकी इसलिय पुरानी लाइन को शुरू किया जा रहा।इनसे अगले 10 बर्ष तक तो पानी की किल्लत नही होनी चाहिए। उम्मीद की जा रही है कि अगले ग्रीष्म काल से पहले शहर में पर्याप्त पानी की व्यवस्था हो जायेगी।