फसल बीमा के मुआवजे को लेकर परेशान किसान, एक दूसरे को दोष दे रहे बैंक और सरकार

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में बारिश (rain) के कारण खराब हुई गेहूं की फसलों का सर्वे (survey) शुरू किया जा चुका है। वहीं सरकार का कहना है कि जल्द ही फसलों का बीमा (insurance) किया जाएगा। लेकिन आज से 2 साल पहले 2019 में सोयाबीन (soyabean) की खराब हुई फसलों के लिए 22 लाख किसानों में से करीबन डेढ़ लाख किसान आज भी मुआवजे के लिए तरस रहे हैं। इतना ही नहीं इन किसानों के रकबा नंबर भी बदल दिया गया।

दरअसल 2019 में सोयाबीन की फसल खराब होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। जिसके बाद 22 लाख में से 1.5 लाख किसान ने खरीफ 2019 का प्रीमियम तो भरा लेकिन फसल खराब होने के बाद मुआवजा लेने बैंक (bank) पहुंचे। उन्हें बताया गया कि उनकी फसल का बीमा ही नहीं हुआ। वही ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि किसानों के आधार कार्ड (aadhar card) पोर्टल पर अपडेट (portal update) नहीं किया गया था। जिसके कारण उनके रकबे के नंबर बदल गए।


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Kashish Trivedi

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